UPSC Result 2019: दिल्ली की बेटी ने हासिल की 37वीं रैंक, हिंदू कॉलेज से की है पढ़ाई
नतिशा की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अपनी एमए की पढ़ाई के दौरान भी वह यूपीएससी परीक्षा की पढ़ाई कर रही थीं।
नई दिल्ली [राहुल मानव]। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के नॉर्थ कैंपस के प्रतिष्ठित हिंदू कॉलेज की पूर्व छात्रा नतीशा माथुर (25 वर्ष) ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में ऑल इंडिया 37वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने तीसरी बार में यह उपबल्धि हासिल की है। वह मूल रूप से बाहरी दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-22 और सेक्टर-39 के पास स्थित मजरी गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने वर्ष 2015 में हिंदू कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने आर्ट्स फैकल्टी से एमए पॉलिटिकल साइंस पाठ्यक्रम की पढ़ाई की थी।
नतिशा की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अपनी एमए की पढ़ाई के दौरान भी वह यूपीएससी परीक्षा की पढ़ाई कर रही थीं। उन्होंने वर्ष 2016 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी, लेकिन तब वह सफल नहीं हो पाई थीं। इसके बाद वर्ष उन्होंने स्टाफ सिलेक्शन कमिशन - सीजीएल की परीक्षा दी थी। जिसमें उन्हें सफलता मिली और उन्हें दिल्ली से बाहर कस्टम एवं रेवेन्यू सेवा में पोस्टिंग मिली। इसके बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। वर्ष 2018 में यूपीएससी की फिर से परीक्षा दी, तब उनकी 351वीं रैंक आई थी। उस दौरान उन्हें आइपीएस-दानिक्स कैडर मिला था। तब से वह नजफगढ़ के झरोड़ा कलां स्थित दिल्ली पुलिस कॉलेज में आइपीएस का प्रशिक्षण ले रही हैं।
नतीशा ने यह संकल्प लिया हुआ था कि वह आइएएस में अच्छी रैंक हासिल करेंगी। इसके लिए उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा। 2019 के यूपीएससी परीक्षा में कामयाबी हासिल की। उनके परिवार में पिता संजीव माथुर, माता सुनीता माथुर और भाई आलेख माथुर हैं। संजीव माथुर के पास किसानी के लिए जमीन है। जिसमें वह खेती करते हैं। संजीव ने बेटी की इस उपलब्धि की श्रेय उनकी मेहनत को दिया है।
2016 में कामयाबी नहीं मिलने से दुखी हो गईं थी नतीशा
पिता संजीव ने कहा कि बेटी ने अपनी मेहनत जारी रखी। उन्होंने पहले से ही ठान लिया था कि वह अच्छी रैंक हासिल करके ही रहेंगी। उनकी माता सुनीता ने बताया कि नतीशा पीतमपुरा स्थित डीएवी स्कूल पुष्पांजलि से 12वीं की पढ़ाई की है। उन्होंने साइंस विषय में 95.4 फीसद अंक प्राप्त किए थे। साइंस विषय में 12वीं करने के बाद भी पॉलिटिकल साइंस विषय इसी लिए ही चुना था क्योंकि 12वीं से ही उनका मन यूपीएससी परीक्षा देने का था। 2016 में जब वह यूपीएससी परीक्षा में सफल नहीं हो पाई थीं तो दुखी हो गई थीं। लेकिन परिवार ने उनका मनोबल बढ़ाया। सुनीता ने 12वीं के शिक्षकों और कॉलेज के शिक्षकों को भी इसका श्रेय दिया।
हिंदू कॉलेज के छात्रा रही हैं यूपीसीएससी टॉपर, रहा है आइएएस बनने का चलन
हिंदू कॉलेज की प्राचार्य डॉ अंजू श्रीवास्वत अपनी पूर्व छात्रा नतीशा माथुर की इस उपलब्धि से बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे कॉलेज की संस्कृति रही है। कॉलेज का पॉलिटिकल साइंस विभाग बहुत ही प्रतिष्ठित विभाग है, जिसमें छात्रों को उनके पाठ्यक्रमों के साथ ही कई अन्य बातों को भी बहुत ही विस्तार से जानकारी देते हुए पढ़ाया जाता रहा है। इससे पहले वर्ष 2011 में हिंदू कॉलेज से बीएससी फिजिक्स ऑनर्स की पढ़ाई कर चुकी अनू कुमारी ने वर्ष 2018 में यूपीएससी परीक्षा में पूरे भारत में दूसरा स्थान प्राप्त किया था। वह महिलाओं में प्रथम स्थान पर रही थीं। डीयू के छात्रों को इन दोनों छात्राओं की इस बहुत ही बड़ी उपबल्धि से एक अच्छा नेतृत्व मिलेगा और वह भी यूपीएससी की परीक्षा देने में आगे आएंगे।
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