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    Kisan Andolan: अपना वजूद बचाने में जुटे पंजाब के ये दो बड़े किसान नेता, राकेश टिकैत ने भी बनाई दूरी

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Thu, 25 Mar 2021 01:52 PM (IST)

    Kisan Andolan कोई भी बड़ा पंजाबी अभिनेता या गायक किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के मंच पर नहीं आता सभी संयुक्त किसान मोर्चा के मंच से ही लौट जाते हैं। राकेश टिकैत जैसे नेता भी किसान मजूदर संघर्ष कमेटी के मंच पर अब तक नहीं आए हैं।

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    सतनाम पन्नू व सरवन सिंह पंधेर को भी गणतंत्र दिवस पर हुए उपद्रव का जिम्मेदार ठहराया गया है।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सिंघु बॉर्डर पर समर्थकों के साथ बैठे किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू व महासचिव सरवन सिंह पंधेर वजूद बचाने की कोशिश कर रहे हैं। पंजाब में तो कोई उनकी कमेटी को गंभीरता से नहीं ही ले रहा है, सिंघु बॉर्डर पर भी उनको अहमियत नहीं मिल रही है। कोई भी बड़ा पंजाबी अभिनेता या गायक कमेटी के मंच पर नहीं आता, सभी संयुक्त किसान मोर्चा के मंच से ही लौट जाते हैं। राकेश टिकैत जैसे नेता भी किसान मजूदर संघर्ष कमेटी के मंच पर अब तक नहीं आए हैं।

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    सतनाम सिंह पन्नू व महासचिव सरवन सिंह पंधेर की उपेक्षा जारी

    दरअसल, शहीदी दिवस पर मंगलवार को सिंघु बॉर्डर पर चल रहे संयुक्त किसान मोर्चा के मंच पर गायक रविंद्र ग्रेवाल पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शनकारियों का मनोरंजन किया, लेकिन वह करीब 200 मीटर दूर दिल्ली की सीमा में लगाए गए कमेटी के मंच पर नहीं पहुंचे। इसका विरोध कमेटी के मंच से किसान नेताओं ने किया। उन्होंने कहा कि गायकों को इस मंच पर भी आना चाहिए।

    खालिस्तान के समर्थन में लगते हैं नारे

    सच्चाई यही है कि 26 जनवरी को लाल किले पर हुए उपद्रव के बाद से किसान मजदूर संघर्ष कमेटी से सभी ने कन्नी काट ली है। इस समय जब सभी नेता शांत नजर आ रहे हैं, सरवन सिंह पंधेर अपना वजूद बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। वह कभी मंच से विवादित बयान देते हैं तो कभी मरने-मारने की बात करते हैं। उनकी मौजूदगी में खालिस्तान के समर्थन में नारे लगते हैं।

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    लाल किला उपद्रव में सरवन सिंह पंधेर को ठहराया है जिम्मेदार

    दीप सिद्धू व लक्खा सिधाना के साथ सतनाम पन्नू व सरवन सिंह पंधेर को भी गणतंत्र दिवस पर हुए उपद्रव का जिम्मेदार ठहराया गया है। सरवन सिंह पंधेर ने ही प्रदर्शनकारियों को लाल किले में जाने को कहा था। 25 जनवरी की रात को गैंगस्टर लक्खा सिधाना ने कमेटी के मंच से प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया था तो दीप सिद्धू ने संयुक्त किसान मोर्चा के मंच से पंधेर व पन्नू का साथ देने की अपील की थी।

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    बताया जाता है कि पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू ने तो देर रात को तिरंगे पर भरोसा न होने की बात तक कही थी। लक्खा सिधाना रात को खुद राष्ट्रीय राजमार्ग एक पर दिल्ली की सीमा में पेट्रोल पंप के पास लगाए गए बैरिकेड देखने पहुंचा था।

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    दरअसलल, पंजाब के कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने भी किसान नेता सरवन सिंह पंधेर पर किसानों को उकसाने का आरोप लगाया है। यह अलग बात है कि सरवन सिंह पंधेर ने  दिल्ली में भारी हिंसा को लेकर माफी मांग ली थी। बावजूद इसके उनके दाम पर हिंसा का दाग अब भी कायम है। 

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    • किसान नेता सरवन सिंह पंधेर पंजाब में माझा इलाक़े के किसान संगठन किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव हैं।
    • 2007 में किसान संघर्ष कमेटी से अलग होकर सतनाम सिंह पन्नू ने किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी का गठन किया था।
    • 13 साल पुराने इस संगठन का बेस अमृतसर है। इसके साथ ही पंजाब के 7 जिलों के किसान और खेतिहर मज़दूर इस संगठन से जुड़े हैं। यह अवश्य है कि सरवन सिंह पंधेर इस संगठन का चेहरा हैं।

     

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