एडवेंचर टूर के साथ नए स्थानों की तलाश में दिल्लीवासी, हिल स्टेशन हैं पहली पसंद
नैनीताल, शिमला, कुल्लू, मनाली, धर्मशाला व डलहौजी के साथ ही इसके आस-पास के नए स्थान तलाशे जा रहे हैं, जहां प्रकृति का आनंद बिना भीड़भाड़ के उठाया जा सके।
नई दिल्ली [जेएनएन]। इस गर्मी दिल्लीवासी एडवेंचर टूर के साथ नए स्थानों की तलाश में निकलने वाले हैं। गर्मी की छुट्टियां शुरू ही होने वाली हैं इसको लेकर दिल्लीवालों की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। पसंदीदा स्थानों में हिल स्टेशन हैं। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य न होने से दिल्लीवासी निराश हैं मगर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के साथ अन्य राज्यों के हिल स्टेशनों की ओर रुख करने की योजना तैयार है।
अच्छा व्यवसाय होने का अनुमान
टूर के लिए होटल के साथ आने-जाने के लिए फ्लाइट, ट्रेन के साथ कैब की बुकिंग भी कराई जा रही है। गर्मी की छुट्टियां 20 मई से शुरू होंगी। इसके बाद से जून के अंत तक टूर ट्रैवल का मौका है। इसका इंतजार पूरे वर्ष दिल्ली वाले करते हैं, क्योंकि इसमें परिवार समेत लंबी छुट्टियों पर जाने का मौका होता है। इस बार अभी से टूर-ट्रैवल वालों की बहार है। मई में कई पैकेज बुक हो चुके हैं तो जून में भी अच्छा व्यवसाय होने का अनुमान है। अगले महीने में पर्यटन स्थलों पर होटलों की उपलब्धता को लेकर पूछताछ तेज है।
राफ्टिंग व ट्रैकिंग का जोश शामिल
'द इंडिजिनियस फेडरेशन ऑफ टूरिज्म इंटग्रिटी' (टिफ्टी) के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि गर्मियों में दिल्लीवासी हिल स्टेशनों पर जाना पसंद करते हैं। उसमें भी इस बार राफ्टिंग व ट्रैकिंग का जोश भी शामिल है। इसके लिए उत्तराखंड पसंदीदा स्थान है। वैसे, नैनीताल, शिमला, कुल्लू, मनाली, धर्मशाला व डलहौजी के साथ ही इसके आस-पास के नए स्थान तलाशे जा रहे हैं, जहां प्रकृति का आनंद बिना भीड़भाड़ के उठाया जा सके।
कश्मीर जाने से बच रहे हैं पर्यटक
शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि कई पर्यटक कश्मीर भी जाने की तैयारी में थे, लेकिन वहां का माहौल अच्छा नहीं है, इसलिए वहां की बुकिंग से बचा जा रहा है। उन्होंने बताया कि 1500 रुपये से लेकर छह हजार रुपये तक में कमरे मिल रहे हैं, जिसमें आने वाले दिनों में बुकिंग में और तेजी के साथ बढ़ोतरी की संभावना है। वहीं, एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटरर्स के पूर्व महासचिव अनुराग अग्रवाल के मुताबिक फॉरेन टूरिस्ट स्पॉट को लेकर दिलचस्पी है। इसमें यूरोप के साथ एशिया के देश भी शामिल हैं।
यह भी पढ़ें: खतरे की घंटी, अरावली को नहीं सहेजे तो राजस्थान की गरम हवाआें की जद में होगा हरियाणा