दिल्ली के जनकपुरी में निकली तिरंगा यात्रा, मंत्री आशीष सूद ने दिया एकता का संदेश
पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी में विधायक आशीष सूद के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा निकाली गई जिसमें सांसद कमलजीत सहरावत भी शामिल हुईं। जनकपुरी सी1 ब्लॉक से डाबड़ी चौक तक आयोजित इस यात्रा में देशभक्ति के नारों के साथ लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मंत्री सूद ने विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया और शहीदों को नमन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। जनकपुरी के विधायक व प्रदेश में शिक्षा मंत्री आशीष सूद के नेतृत्व में जनकपुरी में तिरंगा यात्रा निकाली गई। यात्रा में क्षेत्रीय सांसद कमलजीत सहरावत भी शामिल हुईं। जनकपुरी सी1 ब्ला से डाबड़ी चौक तक आयोजित तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में लाेग शामिल हुए।
इस दौरान जनकपुरी एवं आसपास की कॉलोनियों के निवासी, विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक व व्यापारिक संगठन, आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी और कई स्कूलो के बच्चों ने हाथ में तिरंगा पकड़कर यात्रा में उत्साहपूर्वक भाग लिया। यात्रा में शामिल लोग देशभक्ति एवं एकता से जुड़े नारे लगाते रहे।
यात्रा के दौरान मंत्री आशीष सूद ने कहा कि जनकपुरी के सभी संगठनों और यहां के नन्हें-मुन्ने बच्चे विकसित दिल्ली, विकसित जनकपुरी और विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए आज भारी संख्या में एकत्रित हुए हैं।
यह तिरंगा यात्रा न केवल स्वतंत्रता दिवस का उत्सव है, बल्कि स्वच्छता और सकारात्मक सामाजिक बदलाव का संदेश भी देती है। अपने बचपन की स्वतंत्रता दिवस की यादों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि 15 अगस्त का दिन केवल झंडा फहराने और पतंग उड़ाने का दिन नहीं, बल्कि देश के लिए कुछ सार्थक करने का अवसर है।
उन्होंने देसी उत्पादों के प्रयोग पर बल देते हुए लोगों से आग्रह किया कि वह पतंग उड़ाते समय सिंथेटिक मांझा का प्रयोग न करें, बल्कि देसी मांझा और तिरंगी पतंग से आसमान को सजाएं। यह भी अपने देश के लिए कुछ सार्थक करने का उदाहरण बनेगा।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नारे “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” को याद करते हुए कहा कि आज देश को खून नहीं, बल्कि देश के लिए कुछ कर गुजरने का जुनून, अच्छे संस्कार और समाज के लिए योगदान की आवश्यकता है।
कारगिल के शहीदों को याद करते हुए श्री सूद ने कहा की देश के प्रति जैसा समर्पित जीवन उन रणबांकुर युवाओं ने जिया वह हम सब के लिए प्रेरणास्रोत है। मात्र 20- से 25 साल के युवाओं ने देश के लिए जो बलिदान दिया वह अदभुत है।
मैं दिल से ये मानता हूं कि कुछ ना कुछ ज़रूर उन व्यक्तियों के अंदर होता है जिसके कारण वे लोग अपना जीवन इस देश के ऊपर कुर्बान कर देते हैं।
इस अवसर पर सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा की तिरंगा केवल सम्मान का प्रतीक नहीं, बल्कि उन अनगिनत बलिदानों की याद है, जिनके कारण हमें इसे लहराने का अधिकार मिला।
15 अगस्त 1947 की आज़ादी के पीछे भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष बोस और महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों के त्याग की अमिट गाथाएं हैं।
महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका में हुए अपमान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि गांधी जी ने ट्रेन से उतारने का अपमान व्यक्तिगत नहीं, बल्कि राष्ट्र का अपमान मानते हुए अपना पूरा जीवन स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित कर दिया था।
सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित
यात्रा के समापन स्थल डाबड़ी चौराहा पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस दौरान स्कूली बच्चों ने देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम पेश किए। मंत्री व सांसद ने इन बच्चों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए इन्हें पुरुस्कृत किया।
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