Tihar jail : तिहाड़ जेल के दो कैदियों की मौत, एक मुंबई में हुए विस्फोटों में था संलिप्त, ISIS के लिए करता था काम
जून 2024 में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली-पडघा आईएसआईएस आतंकी मॉड्यूल मामले में युवाओं की भर्ती और कट्टरपंथीकरण तथा तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों के निर्माण से जुड़ी एक साजिश में नाचन के साथ-साथ एक प्रतिबंधित वैश्विक आतंकवादी नेटवर्क के 16 कट्टर एजेंटों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। इन्हीं में से एक साकिब अन्य अपराधों में संलिप्त रहा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तिहाड़ जेल के अधिकारियों को सोमवार तड़के यह जानकारी दी गई कि तिहाड़ जेल के अस्पताल में एक कैदी ने खिड़की से लटककर आत्महत्या कर ली है। कैदी का नाम रमेश कर्माकर था। वह जेल नंबर 4 में बंद था और 28 मई से जेल नंबर 3 के जेल अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। वहीं, एक अन्य मामले में आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े और मुंबई में हुए बम विस्फोटों में संलिप्त साकिब नाचन नाम के एक आरोपी की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई।
कुछ दिन पहले अस्पताल में कराया गया था भर्ती
जानकारी के अनुसार, कर्माकर का शव रविवार देर रात खिड़की से लटकता मिला और जेल अधिकारियों को सोमवार सुबह इसकी सूचना दी गई। वहीं, सूत्रों ने साकिब की मौत के बारे में बताया कि वह वर्ष 2023 से तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में था और कुछ दिन पहले उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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भारत में आईएसआईएस का था स्वयंभू अमीर-ए-हिंद
साकिब को वर्ष 2002 और 2003 में मुंबई में हुए बम विस्फोटों में संलिप्तता के लिए दोषी ठहराया गया था। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) के अनुसार, साकिब नाचन, जो पहले कई आतंकी मामलों में आदतन अपराधी रहा है। वह भारत में आईएसआईएस का स्वयंभू अमीर-ए-हिंद भी था।
साकिब सहित 16 कट्टर एजेंट आए निशाने पर
इससे पहले जून 2024 में एनआईए ने दिल्ली-पडघा आईएसआईएस आतंकी मॉड्यूल मामले में युवाओं की भर्ती और कट्टरपंथीकरण तथा तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों के निर्माण से जुड़ी एक साजिश में साकिब नाचन के साथ-साथ एक प्रतिबंधित वैश्विक आतंकवादी नेटवर्क के 16 कट्टर एजेंटों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
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गुमराह करते थे भोले-भाले युवाओं को
आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता, यूए(पी) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किए गए थे।
वे भोले-भाले युवाओं के बीच इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) की विचारधारा की भर्ती, प्रशिक्षण और प्रचार-प्रसार से जुड़ी एक बड़ी आईएसआईएसआई साजिश में शामिल पाए गए थे।
साथ ही, वे प्रतिबंधित संगठन के लिए धन जुटाने के लिए विस्फोटक और आईईडी का निर्माण भी कर रहे थे।
मिले थे आपत्तिजनक दस्तावेज
इसकी जाँच के बाद विस्फोटकों के निर्माण और आईईडी के निर्माण से संबंधित कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ और डेटा, साथ ही आईएस द्वारा प्रकाशित 'वॉयस ऑफ हिंदी', 'रुमिया', 'खियाफत', 'दबिक' जैसी प्रचार पत्रिकाएँ भी जब्त की गईं।
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