Delhi Election: 'चुनाव कराने के लिए नहीं है पैसा', दिल्ली सरकार ने केंद्र से मांगी 10 हजार करोड़ की मदद
Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025 दिल्ली सरकार ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले चालू वित्त वर्ष के लिए अपने खर्च को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय लघु बचत कोष (एनएसएसएफ) से 10000 करोड़ रुपये उधार मांगे हैं। हालांकि दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है। विभाग को दिल्ली में लगने जा रही आचार संहिता के कारण खर्च में कमी की उम्मीद है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में चुनाव से कुछ महीने पहले राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपने खर्च को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय लघु बचत कोष (एनएसएसएफ) से 10,000 करोड़ रुपये उधार मांगे हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय को भेजे जा रहे इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री आतिशी (CM Atishi) ने हस्ताक्षर कर दिए हैं, जबकि दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने इस पर आपत्ति जताई थी। विभाग को दिल्ली में लगने जा रही आचार संहिता (एमसीसी) के कारण खर्च में कमी की उम्मीद है, ऐसे में दिल्ली सरकार का वित्त विभाग नहीं चाहता कि केंद्र सरकार से ऋण लिया जाए।इस बारे में दिल्ली सरकार का पक्ष मांगा गया जो उपलब्ध नहीं हो सका है।
एनएसएसएफ से ऋण लेने के विकल्प पर जताई आपत्ति-वर्मा
सूत्रों ने कहा है कि गत दो सितंबर के एक नोट में दिल्ली के प्रधान सचिव (वित्त) आशीष चंद्र वर्मा ने इस वित्तीय वर्ष में एनएसएसएफ (National Small Savings Fund) से ऋण लेने के विकल्प पर आपत्ति जताई थी। वर्मा ने कहा था कि ब्याज में अत्यधिक वृद्धि और आदर्श आचार संहिता के कारण व्यय में कमी की संभावना को देखते हुए एनएसएसएफ योजना से बाहर निकलने के विकल्प को स्वीकार करने की सिफारिश की जाती है।
अपने नोट में प्रधान सचिव (वित्त) वर्मा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में छह महीने हो चुके हैं और यह अनुमान लगाया जा सकता है कि एमसीसी द्वारा दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए दो से ढाई महीने का समय लिया जाएगा। इससे खर्च के लिए केवल चार से चाढ़े चार महीने मिलते हैं।
31 साल में पहली बार दिल्ली सरकार का हुआ राजकोषीय घाटा
वर्मा ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या है कि एनएसएसएफ ऋण को न केवल चालू वित्त वर्ष के लिए बल्कि भविष्य के लिए भी स्वीकृत करना होगा। उन्होंने बताया कि इससे ब्याज का भारी बोझ पड़ेगा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय की गणना के अनुसार चालू वित्त वर्ष से 2038-39 तक एनएसएसएफ ऋण जारी रखने से मूल राशि में 1.27 लाख करोड़ रुपये के अलावा 45,980 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ब्याज बोझ पड़ेगा।
अधिकारियों के अनुसार दिल्ली विधानसभा के पुनर्गठन के बाद 31 साल में पहली बार दिल्ली सरकार राजकोषीय घाटे की ओर की बढ़ रही है। वित्त विभाग के बजट प्रभाग ने 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए संशोधित अनुमान तैयार करते समय ये अनुमान लगाए हैं। सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग ने चालू वित्त वर्ष में विभिन्न राजस्व व्यय के लिए 3,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आवश्यकता मानी है।
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