Delhi Chunav 2025: कैलाश गहलोत की बदली जा सकती है सीट, दिल्ली की इस विधानसभा को लेकर BJP खेमे में घमासान, अंबेडकर कॉलोनी में प्रदर्शन
delhi election 2025 नजफगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी किसे उतारेगी कैलाश गहलोत या तरुण यादव? इस सवाल को लेकर नजफगढ़ में चर्चाओं का बाजार गर्म है। कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है लेकिन क्या उन्हें बीजेपी नजफगढ़ से टिकट देगी? दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने तरुण यादव को नजफगढ़ से अपना उम्मीदवार बनाया है।
गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली। delhi vidhan sabha chunav 2025: भाजपा से आम आदमी पार्टी में शामिल हुए तरुण यादव को आप ने नजफगढ़ से विधायक का प्रत्याशी बनाया है। इससे पूर्व दिल्ली सरकार में मंत्री का दायित्व संभाल चुके नजफगढ़ (Najafgarh Assembly Seat) के विधायक कैलाश गहलोत आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुके हैं।
लेकिन क्या इन्हें भी भाजपा नजफगढ़ से टिकट देगी, इसे लेकर नजफगढ़ में चर्चा का बाजार गर्म है। इस बीच बिजवासन विधानसभा क्षेत्र में उनकी सक्रियता से नजफगढ़ में टिकट की आस लगाए भाजपा नेताओं में अंदर ही अंदर खुशी तो है लेकिन जब तक टिकट की घोषणा नहीं हो जाती, तब तक संशय की स्थिति है।
उधर बिजवासन विधानसभा क्षेत्र (Bijwasan Assembly constituency) के भाजपा कार्यकर्ताओं का भी कुछ ऐसा ही हाल है। कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) की बिजवासन में सक्रियता को मन ही मन अतिक्रमण मान रहे हैं, लेकिन पार्टी की सख्त अनुशासन नीति के कारण खुलकर कुछ बोल नहीं पा रहे हैं।
कल तक हमलावार, अब साधे हैं चुप्पी
हाल तक नजफगढ़ में जलभराव से जुड़ी समस्याओं को लेकर क्षेत्रीय विधायक कैलाश गहलोत पर निशाना साधने वाले नेता अब जलभराव की समस्या पर कुछ नहीं बोलते। नजफगढ़ फिरनी रोड, सुरखपुर रोड सहित अन्य सड़कों पर होने वाले जलभराव पर भाजपा वाले लोक निर्माण विभाग व सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग पर खूब निशाना साधते थे, लेकिन अब नहीं।
कारण यह है विधायक कैलाश गहलोत अब भाजपा का हिस्सा बन चुके हैं। बदली हुई परिस्थिति में भाजपा के उन नेताओं को सबसे अधिक दिक्कत उन्हें हो रही है जो विधानसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी पार्टी के भीतर जता रहे थे।
वर्तमान में नजफगढ़ जोन के चेयरमैन अमित खरखड़ी व दिचाऊं वार्ड से निगम पार्षद नीलम के समर्थक इन्हें विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रत्याशी मानकर चल रहे थे। इसके अलावा भी कई अन्य नेता खुद को प्रत्याशी की दौड़ में मान रहे थे, लेकिन कैलाश गहलोत के प्रवेश ने सभी के गणित को गड़बड़ा दिया है।
लेकिन जिस हिसाब से कैलाश गहलोत पिछले कुछ समय से बिजवासन विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हुए हैं, उससे नजफगढ़ के नेताओं को लग रहा है कि शायद कैलाश गहलोत बिजवासन को ही कर्मस्थली बना सकते हैं। ऐसे में सभी के समर्थकों को उम्मीद है कि उनके पसंदीदा नेता को टिकट जरूर मिलेगा।
डेढ़ दशक में एक बार भाजपा व दो बार आप प्रत्याशी को
पिछले डेढ़ दशक में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो वर्ष 2008 में इस सीट से भरत सिंह निर्वाचत हुए थे। भरत सिंह तब इंडियन नेशनल लोकदल में शामिल थे। वर्ष 2013 में यहां से भाजपा के अजीत खरखड़ी विजयी हुए। इसके बाद दो बार लगातार यहां से आम आदमी पार्टी के टिकट पर कैलाश गहलोत ने जीत दर्ज की।
बिजवासन में हुआ प्रदर्शन
बिजवासन विधानसभा के शिव मंदिर, अंबेडकर कॉलोनी, बिजवासन गांव में आज आम आदमी पार्टी से जुड़े पूर्व मंत्री और नजफगढ़ के विधायक कैलाश गहलोत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कैलाश गहलोत ने नजफगढ़ विधानसभा में दस साल तक विधायक रहते हुए कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया। अब वे भारतीय जनता पार्टी से बिजवासन विधानसभा के लिए टिकट मांग रहे हैं, जो यहां के लोगों को स्वीकार नहीं है। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा कि बिजवासन के लोग कैलाश गहलोत को अपना प्रतिनिधि बनने का मौका नहीं देंगे।
स्थानीय निवासियों ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया गया, तो यह पार्टी की छवि के लिए नुकसानदायक साबित होगा।
प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी से स्पष्ट रुख अपनाने की मांग की। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे व्यक्तियों को टिकट देने से जनता के बीच गलत संदेश जाएगा।
प्रदर्शनकारियों ने संकल्प लिया कि वे बिजवासन विधानसभा में ऐसे किसी भी उम्मीदवार को जीतने नहीं देंगे, जिनका पिछला रिकॉर्ड विवादास्पद रहा हो।
लोगों ने स्थानीय नेतृत्व को प्राथमिकता देने की बात कही, जो क्षेत्र की समस्याओं को समझे और उनके समाधान के लिए काम करे। प्रदर्शन ने यह साफ कर दिया कि बिजवासन के लोग बाहरी और विवादित छवि वाले नेताओं को यहां का प्रतिनिधि बनने का मौका नहीं देंगे। स्थानीय निवासियों ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया गया, तो यह पार्टी की छवि के लिए नुकसानदायक साबित होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे व्यक्तियों को टिकट देने से जनता के बीच गलत संदेश जाएगा।
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