Delhi News: महिलाओं के कल्याण से संबंधित एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मांगी किरण बेदी से मदद
Delhi News वर्ष 2017 में गैर सरकारी संगठन फाउंडेशन फार सोशल एम्पावरमेंट ने अधिवक्ता श्रवण कुमार के माध्यम से याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि आश्रम के संस्थापक वीरेंद्र देव दीक्षित ने कई नाबालिगों और महिलाओं को आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में अवैध रूप से बंधक बनाया है।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। Spiritual University Rohini :रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में रहने वाली महिलाओं के कल्याण से संबंधित एक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पुदुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल व सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी किरण बेदी से सहायता मांगी है।मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने बेदी को सात अक्टूबर को सूचीबद्ध मामले के संबंध में अवगत कराने को कहा। पीठ ने बेदी से अनुरोध किया कि सुनवाई की अगली तारीख पर वह इस मामले में इस अदालत की सहायता करें।
अदालत ने पूर्व में आश्रम के कामकाज की निगरानी के लिए बेदी की देखरेख में एक समिति गठित किया था।वर्ष 2017 में गैर सरकारी संगठन फाउंडेशन फार सोशल एम्पावरमेंट ने अधिवक्ता श्रवण कुमार के माध्यम से याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि आश्रम के संस्थापक वीरेंद्र देव दीक्षित ने कई नाबालिगों और महिलाओं को आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में अवैध रूप से बंधक बनाया है।
नाबालिग लड़कियों व महिलाओं को उनके माता-पिता से मिलने की अनुमति भी नहीं दी जा रही है।याचिका पर हाई कोर्ट ने सीबीआइ को आश्रम के संस्थापक दीक्षित का पता लगाने के लिए कहा था। याचिका में दावा किया गया था कि महिलाओं व लड़कियों को धातु के दरवाजों के पीछे जानवरों जैसे रखा गया है।
अधिवक्ता अजय वर्मा और नंदिता राव की समिति ने अदालत में रिपोर्ट देकर कहा था कि 100 से अधिक लड़कियों और महिलाओं को भयानक स्थिति में रखा गया था।इससे पहले अदालत ने आश्रम से कारण बताने के लिए कहा था कि इसे दिल्ली सरकार द्वारा क्यों नहीं अधिग्रहित कर लेना चाहिए।अदालत ने कहा था कि यह स्वीकार करना मुश्किल है कि महिला बंदी अपनी मर्जी से वहां रह रही थीं।
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