नई सरकार से लाखों छात्रों को मिल सकती है गुड न्यूज, मेट्रो का सफर होगा और आसान
दिल्ली चुनाव में भाजपा की जीत के बाद छात्रों की नई सरकार से मेट्रो रियायती पास मिलने की उम्मीद जाग गई है। दिल्ली चुनाव से पहले भाजपा ने घोषणा पत्र में छात्रों को मेट्रो में रियायत देने का वादा किया है। अब मेट्रो में रियायत देने से लाखों छात्रों को इसका लाभ मिलेगा। अभी केरल में राज्य सरकार छात्रों को यह सुविधा दे रही है।
उदय जगताप, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में नई सरकार का गठन फिलहाल नहीं हुआ है, लेकिन सत्ता परिवर्तन से छात्रों को मेट्रो रियायती पास मिलने की उम्मीद जाग गई है। पास को केंद्र और राज्य सरकार से समन्वय स्थापित कर आसानी से बनाया जा सकता है।
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में मेट्रो के लिए रियायत देने का वादा भी किया है। केरल में राज्य सरकार छात्रों को मेट्रो रियायती पास की सुविधा दे रही है। छात्र संगठन इसी तर्ज पर योजना लागू करवाने का प्रयास कर रहे हैं। राजधानी में शैक्षणिक परिसर दूर-दूर होने के चलते रियायती मेट्रो पास एक बड़ी मांग रही है। खासकर, दिल्ली विश्वविद्यालय में।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) में यह प्रमुख मुद्दा होता है। छात्र संघ की पूर्व पदाधिकारी ने कहा कि प्रचार के दौरान छात्र मेट्रो पास की बात सर्वाधिक पूछते हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दिल्ली प्रांत मंत्री हर्ष अत्री ने कहा, "सरकार बदलने से हमें भी पास बनने की उम्मीद है। एबीवीपी की ओर से शहरी और विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर को पहले भी मेल भेजी जा चुकी है। इसके लिए योजना बनाने की मांग की गई है।"
अभी किस राज्य में छात्रों को मिल रही सुविधा?
उन्होंने कहा, "नई सरकार बनते ही हमारा प्रतिनिधिमंडल नए मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा और मेट्रो पास बनाने की मांग करेगा। केरल में छात्रों को सुविधा दी जा रही है और दिल्ली में ऐसे ही सुविधा दी जा सकती है।"
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ सचिव मित्रविंदा करनवाल ने कहा कि कोच्चि में विद्या पास के नाम से मेट्रो पास दिए जा रहे हैं। इनमें तीन स्लेब हैं। विद्या-1, विद्या-30 और विद्या-45। पहला पास एक दिन के लिए 50 रुपये में खरीदा जा सकता है। जबकि विद्या- 30 और विद्या- 45 30 दिन और 45 दिन के पास हैं।
इन्हें क्रमशः 900 रुपये और 495 रुपये में खरीदा जा सकता है। दिल्ली में इस तरह या अन्य योजना के जरिये पास दिए जा सकते हैं। पीएचडी छात्र शेखर ने कहा, मेट्रो से सफर करने में हर महीने चार से पांच हजार छात्रों के खर्च होते हैं।
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