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    11वीं के छात्र ने नदियों के प्रदूषण का निकाला समाधान, जलीय जीवों को नुकसान पहुंचाए बिना हो सकेगी सफाई

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 05:35 PM (IST)

    दिल्ली के एक छात्र अधिराज कुमार चौहान ने नदियों से कचरा साफ़ करने के लिए एक अनोखा रोबोट बनाया है। यह एआई-संचालित यूएमवी जलीय जीवों को नुकसान पहुंचाए बिना कचरा साफ कर सकता है। गंगा और यमुना की हालत देखकर दुखी हुए अधिराज ने स्कूल की मदद से इसे बनाया। इस नवाचार के लिए उन्हें स्वच्छ गंगा मिशन के तहत प्रशंसा पत्र मिला है।

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    नदियों में प्रदूषण ने किया परेशान, रोबोट बनाकर निकाला समाधान

    शालिनी देवरानी, दक्षिणी दिल्ली। जल प्रदूषण देश की बड़ी समस्या है और सरकार भी नदियों को निर्मल बनाने के लिए तमाम योजनाएं ला रही है। इसी बीच दिल्ली के एक स्कूली छात्र ने इसका बेहतरीन समाधान खोजा है। एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, पुष्प विहार में कक्षा 11वीं के छात्र अधिराज कुमार चौहान ने नदियों और तटों पर फैले कचरे को साफ करने के लिए खास मानवरहित रोबोट तैयार किया है।

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    यह रोबोट एआई संचालित अनमैम्ड मरीन व्हीकल (यूएमवी) नदियों में जलीय जीवों को नुकसान पहुंचाए बिना कचरा साफ करने में सक्षम है। साथ ही, औद्योगिक और मानव अपशिष्ट सहित कचरे का पता लगाने, एकत्रित करने, अलग करने और रिसाइकलिंग का काम भी करेगा।

    शुरुआत छोटी उम्र से 

    अधिराज ने बताया कि गंगा और यमुना नदियों की हालत देखकर दुख होता था, इसलिए कुछ करने की ठानी। स्कूल में मेंटर किरनज्योत कौर के सहयोग से प्रोजेक्ट पूरा किया है। इसके दो प्रोटोटाइप तैयार कर पेटेंट के लिए भी आवेदन कर चुके हैं।

    इस नवाचार के लिए भारत सरकार की ओर से स्वच्छ गंगा मिशन के तहत प्रशंसा पत्र भी मिला है। प्रिंसिपल अमीता मोहन ने कहा कि छात्रों को नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए स्कूल में हरसंभव प्रोत्साहन दिया जाता है। अटल टिंकरिंग लैब में तैयार इस प्रोजेक्ट से अधिराज ने साबित किया है कि बड़े बदलाव की शुरुआत छोटी उम्र से हो सकती है।

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    इस तरह करेगा यूएमवी काम

    रोबोटिक वाहन को नदी में छोड़ा जाएगा और उसमें मौजूद सेंसर या कैमरा एआइ की मदद से कचरे का पता लगाएगा। इसके बाद रोबोट अल्ट्रासोनिक सेंसर का उपयोग कर रोबोट और कचरे के बीच की दूरी को मापेगा और एक कन्वेयर बेल्ट को आगे बढ़ाएगा, जो पानी की सतह के नीचे से कचरे को उठाकर एक स्टोरेज बाक्स में ले जाएगा।

    ये बाॅक्स वाशिंग मशीन के ड्रायर की तरह काम करेगा और गर्मी और हवा के समान दबाव से कचरा सुखाएगा। चुंबक का उपयोग करके कचरे में से धातु और अधातु को अलग कर रिसाइकलिंग के लिए भेजा जाएगा।

    नदी के तटों को साफ करने के लिए भी इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें रोबोट अपनी मैकेनिकल आर्म्स का उपयोग कर कूड़ा उठाएगा और वही प्रक्रिया दोहराएगा।

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    आइआइटी रुड़की में भी चमकाया नाम

    स्कूल की टीम ने पिछले महीने आईआईटी रुड़की में हुई 3डी डिजाइनिंग प्रतियोगिता में तीसरा स्थान पाया है। इसमें टीम को पर्यावरणीय मुद्दे पर आधारित कचरा निस्तारण के अभिनव तरीकों व सुधार पर एक समस्या विवरण दिया गया था, जिसमें एक 3डी माडल डिजाइन करना था, जो प्रदूषण निदान को व्यावहारिक समाधान सुझाए।

    टीम ने दो घंटे में यूएमवी पर रही आधारित नदी तटों को साफ करने के उद्देश्य से एक 3डी माडल प्रोटोटाइप का डिजाइन बनाया और प्रशंसा बटोरी। अधिराज के साथ टीम में महीर सिंह, अभिनव वर्मा और मयंक मेनन भी शामिल थे।

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