'संन्यासी भोजन-कपड़े और...' चैतन्यानंद ने कोर्ट के सामने रखीं तीन मांग, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
दिल्ली पुलिस ने श्री शारदा इंस्टीट्यूट छेड़छाड़ मामले में आरोपी चैतन्यानंद को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जहां उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उस पर यौन उत्पीड़न छेड़छाड़ और जालसाजी के आरोप हैं। जांच में पता चला कि वह EWS छात्राओं को निशाना बनाता था। उसने कोर्ट के सामने संन्यासी भोजन-कपड़ों समेत तीन मांगे रखी हैं जिस पर पुलिस से जवाब मांगा गया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पटियाला हाउस स्थित मजिस्ट्रेट अदालत ने यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार चैतन्यानंद उर्फ पार्थसारथी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिमेश कुमार ने यह आदेश उस समय दिया, जब आरोपी की पांच दिन की पुलिस रिमांड पूरी होने पर उसे अदालत में पेश किया गया।
दिल्ली पुलिस ने चैतन्यानंद की न्यायिक हिरासत की मांग करते हुए कहा कि आरोप बेहद गंभीर हैं और आरोपी को जेल भेजना आवश्यक है ताकि सुबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने से रोका जा सके।
पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपी से तीन मोबाइल फोन, एक आईपैड और फर्जी विजिटिंग कार्ड बरामद किए गए हैं। इन कार्डों में वह खुद को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का स्थायी राजदूत, ब्रिक्स संयुक्त आयोग का सदस्य और भारत का विशेष दूत बताता था।
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वहीं, चैतन्यानंद की ओर से कोर्ट में तीन आवेदन दायर किए गए। जिसमें जब्ती ज्ञापन की आपूर्ति, केस डायरी पर हस्ताक्षर और संन्यासी भोजन, संन्यासी वेश, दवाइयां और किताबें उपलब्ध कराने की मांग की गई। जिस पर दिल्ली पुलिस को अदालत में अपना जवाब दाखिल किया है।
चैतन्यानंद को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 27 सितंबर की रात आगरा के एक होटल से गिरफ्तार किया था। वो कई दिनों तक पुलिस को चकमा देकर हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में छिपता फिर रहा था। गिरफ्तारी से पहले उसकी मेडिकल जांच सफदरजंग अस्पताल में कराई गई थी।
आरोपी के खिलाफ 23 सितंबर को वसंत कुंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। उस पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की छात्राओं ने आरोप लगाया कि चैतन्यानंद ने अश्लील संदेश भेजे, छेड़छाड़ की, यौन संबंध बनाने की कोशिश की और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार छात्राओं के लैपटाॅप, फोन और शैक्षिक दस्तावेज जब्त कर लिए गए थे ताकि उन पर नियंत्रण रखा जा सके। साथ ही विदेश में प्लेसमेंट का झांसा देकर उनका शोषण किया गया।
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी ने श्री शारदा पीठ, श्रृंगेरी से जुड़े फंड में भी हेरफेर किया और लगभग 20 करोड़ रुपये एक समानांतर ट्रस्ट के जरिए घुमाए। करीब 55 लाख रुपये की हेराफेरी भी बताई गई है।
इससे पहले 26 सितंबर को अदालत ने आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने कहा था कि मामले की गंभीरता देखते हुए कहा था कि आरोपित से हिरासत में पूछताछ जरूरी है।
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