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    दिव्यांग हॉस्टल में पूर्व छात्र कर रहे नाबालिग छात्रों का यौन शोषण

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Tue, 31 Jan 2017 09:25 PM (IST)

    पूर्व छात्रों पर ये भी गंभीर आरोप है कि वे नाबालिग छात्रों का मानसिक उत्पीड़न करने के साथ ही उन पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाते हैं।

    दिव्यांग हॉस्टल में पूर्व छात्र कर रहे नाबालिग छात्रों का यौन शोषण

    नई दिल्ली [जेएनएन]। दृष्टिहीन बच्चों को नई दिशा देने के उद्देश्य से अंध महाविद्यालय की नींव रखी गई थी, लेकिन इसके हॉस्टल में गैर-कानूनी तरीके से कब्जा करके रह रहे कुछ बिगड़ैल पूर्व छात्र मेधावी दिव्यांग छात्रों का मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न कर रहे हैं।

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    पूर्व छात्रों का आतंक ऐसा है कि वे न सिर्फ सरकारी धन का दुरुपयोग ड्रग व शराब खरीदने में इस्तेमाल कर रहे हैं, बल्कि नाबालिग बच्चों को शारीरिक संबंध बनाने पर भी मजबूर कर रहे हैं। कोर्ट के आदेश पर मंदिर मार्ग थाना पुलिस चार आरोपी छात्रों भूपेंद्र सिंह, हरीश चंद, शकेर लाल और नंद किशोर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

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    पचकुंइयां रोड स्थित अंध महाविद्यालय में एक से 8 कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई होती है। एक छात्र की शिकायत पर कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई रिपोर्ट के अनुसार महाविद्यालय के हॉस्टल में कई पूर्व छात्र कानूनी तौर पर रह रहे मेधावी छात्रों को परेशान करते हैं।

    आरोप है कि पूर्व छात्र भूपेंद्र सिंह, हरीश चंद, शकेर लाल व नंद किशोर छात्रों के सोने का सामान इस्तेमाल करते हैं और छात्रों को कड़ाके की ठंड में बाहर निकाल दिया जाता है। इतना ही नहीं सरकार की तरफ से मिलने छात्रों को फीस, मेडिकल फीस, ट्यूशन फीस, परीक्षा फीस दी जाती है, लेकिन ये पूर्व छात्र उनके रुपये का इस्तेमाल हॉस्टल में ड्रग व शराब पीने में खर्च कर देते हैं।

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    नामजद पूर्व छात्रों पर ये भी गंभीर आरोप है कि वे नाबालिग छात्रों का मानसिक उत्पीड़न करने के साथ ही उन पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाते हैं। अगर छात्र इसका विरोध करते हैं पूर्व छात्र उनकी पिटाई करते हैं। पूर्व छात्रों को अंध महाविद्यालय प्रशासन की तरफ से हॉस्टल खाली करने का नोटिस भेजा जा चुका है, लेकिन अब तक छात्रों ने हॉस्टल खाली नहीं किया।

    डीसीपी नई दिल्ली बीके सिंह का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है। दिव्यांगों के आरोप गंभीर है और इसकी निष्पक्षता से जांच कराई जाएगी और छात्रों के बयान दर्ज किए जाएंगे। जिसके बाद आरोपी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई होगी। हॉस्टल में अवैध तरीके से रह रहे छात्रों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी महाविद्यालय प्रशासन की है।

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