उन्नाव दुष्कर्म मामले में सजा निलंबित करने के लिए कुलदीप सिंह सेंगर ने दायर की याचिका, सीबीआई ने किया विरोध
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को निलंबित करने की याचिका का सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट में विरोध किया। सीबीआई ने अपराध की गंभीरता और सेंगर के आपराधिक इतिहास का हवाला देते हुए सजा निलंबन का विरोध किया। सेंगर ने दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की मांग की है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल की सजा को स्वास्थ्य के आधार पर निलंबित करने की मांग से जुड़ी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की याचिका केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने दिल्ली हाई कोर्ट में विरोध किया।
सीबीआई की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक रवि शर्मा ने न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा की पीठ को बताया कि हाई कोर्ट की एक समन्वय पीठ ने जून-2024 में सजा निलंबित करने से इनकार किया था।
उन्होंने कहा कि संबंधित पीठ ने अपराध की गंभीरता, सेंगर के आपराधिक इतिहास, उनकी रिहाई से अदालत काे लेकर जनता के विश्वास पर पड़ने वाले प्रभाव आदि का हवाला देते हुए उनकी सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया था।
सीबीआई ने कहा कि चिकित्सा आधार को उठाना केवल परिस्थितियों में बदलाव दिखाकर आवेदन को बनाए रखने की एक चाल है। उन्होंने तर्क दिया कि सजा के निलंबन के लिए परिस्थितियों में ठोस बदलाव होना जरूरी है।
वहीं, दुष्कर्म पीड़िता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता महमूद प्राचा ने भी याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में संयम और सावधानी से कार्य करना आवश्यक है ताकि वादी द्वारा न्यायालय की प्रक्रिया का दुरुपयोग न हो।
वहीं, सेंगर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष वशिष्ठ ने दलील दी कि इस मुद्दे पर पहले भी निर्णय आ चुके हैं और इसलिए उन्होंने दलीलें पेश करने के लिए समय मांगा।
सेंगर को दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की भी मांग की है। यह मामला अन्य पीठ के समक्ष विचाराधीन है।
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