ठगी और मनी लॉन्ड्रिंग में इंटरनेट मीडिया इन्फ्लूएंसर संदीपा विर्क गिरफ्तार, चार दिन की हिरासत में
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में इंटरनेट इंफ्लूएंसर संदीपा विर्क को गिरफ्तार किया। विर्क पर लोगों से धोखाधड़ी करके संपत्ति खरीदने का आरोप है। ईडी के अनुसार उसकी वेबसाइट हायबूकेयर अवैध कमाई का जरिया थी। उस पर फिल्म में निवेश के नाम पर 6 करोड़ की ठगी का भी आरोप है। अदालत ने उसे चार दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। करोड़ों रुपये की ठगी और मनी लांड्रिंग के आरोप में इंटरनेट मीडिया इंफ्लूएंसर और कास्मेटोलाजिस्ट संदीपा विर्क को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया। उसे गुरुवार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे चार दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।
ईडी का दावा है कि विर्क ने लोगों को झूठे वादे और ठगी करके अपने नाम पर अचल संपत्ति खरीदी। जांच एजेंसी के अनुसार, विर्क खुद को हायबूकेयर डाट काम वेबसाइट की मालिक बताती है, जो ब्यूटी प्रोडक्ट बेचने का दावा करती है, लेकिन जांच में वेबसाइट पर सूचीबद्ध उत्पाद अस्तित्व में नहीं पाए गए। वेबसाइट पर न तो ग्राहक पंजीकरण का विकल्प नहीं था, न सक्रिय वाट्सएप नंबर और न ही कंपनी से जुड़ी स्पष्ट जानकारी थी।
पेमेंट गेटवे में भी लगातार समस्या रहती थी और इंटरनेट मीडिया पर कोई सक्रियता नहीं थी। ईडी का कहना है कि यह वेबसाइट केवल अवैध कमाई को सफेद करने का जरिया थी। जांच में महंगे दाम, सीमित उत्पाद रेंज, फर्जी एफडीए अनुमोदन और तकनीकी खामियां सामने आईं।
जांच एजेंसी का कहना है कि विर्क ने फिल्म प्रोजेक्ट में निवेश का झांसा देकर छह करोड़ रुपये की ठगी की है। ईडी का दावा है कि संदीपा विर्क नियमित रूप से रिलायंस कैपिटल के पूर्व निदेशक अंगराई नटराजन सेतुरामन के संपर्क में थी और उनसे अवैध लेन-देन को लेकर बातचीत करती थी। ईडी ने कहा कि सेथुरामन के आवास पर तलाशी ली गई, जिसमें इसकी पुष्टि हुई।
तलाशी के दौरान सामने आया कि सेथुरामन ने व्यक्तिगत लाभ के लिए धन का गैरकानूनी इस्तेमाल किया। वर्ष 2018 में, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) के लगभग 18 करोड़ रुपये का ऋण बिना उचित जांच के दिया गया और कर्ज देने के मानक नियमों की अनदेखी की गई।
ईडी ने कहा कि यह राशि ऐसे शर्तों पर दी गई, जिसमें मूलधन और ब्याज भुगतान को टालने की अनुमति थी, साथ ही इसमें कई बार छूट दी गई और कोई उचित जांच नहीं की गई। इसके अलावा, रिलायंस कैपिटल लिमिटेड से 22 करोड़ रुपये का होम लोन भी नियमों को तोड़कर जारी किया गया, जिसका बड़ा हिस्सा गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया और आज तक बकाया है।
हालांकि अंगराई सेथुरामन ने आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका संदीपा विर्क या उनसे जुड़े किसी लेन-देन से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि उन्हें रिलायंस कैपिटल से जो होम लोन दिया गया, उसमें पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया। इसके लिए संपत्ति को भी गिरवी रखा गया।
वहीं, ईडी ने दिल्ली और मुंबई में विर्क व उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी कर कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल रिकार्ड जब्त किए। वहीं, इस संबंध में फारुख अली सहित प्रमुख व्यक्तियों और सहयोगियों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। ईडी ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है।
क्या है मामला
यह मामला मोहाली पुलिस थाने में दर्ज धोखाधड़ी केस से जुड़ा है। इसमें मुख्य आरोपित अमित गुप्ता उर्फ नागेश्वर गुप्ता पहले ही फरार घोषित है। ईडी ने संदीपा विर्क को 12 अगस्त को पीएमएलए, 2002 के प्रविधानों के तहत मोहाली से गिरफ्तार कर संबंधित अदालत में पेश किया था।
अदालत ने विर्क को दो दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया था। बृहस्पतिवार को हिरासत अवधि समाप्त होने पर ईडी ने विर्क को तीस हजारी स्थित जिला अदालत में पेश कर उनकी हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया। अदालत ने ईडी के अनुरोध को स्वीकार करते हुए विर्क की हिरासत 18 अगस्त तक बढ़ा दी है।
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