Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दुनिया में छाया दिल्ली का लाल: कर दिखाया कुछ ऐसा, गर्व से पिता का सीना हुआ चौड़ा; आप भी करेंगे रितेश के जज्बे को सलाम

    By Jagran News Edited By: Jagran News Network
    Updated: Wed, 26 Jun 2024 05:06 PM (IST)

    दिल्ली के एक साधारण परिवार के बेटे ने अपने जुनून और जज्बे के दम पर पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। बेटे की इस उपलब्धि पर पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। वहीं बेटे की इस कामयाबी पर लोगों ने परिवार को खूब बधाई दी। पढ़िए आखिर रितेश ने ऐसा क्या कर दिखाया है?

    Hero Image
    दिल्ली के रितेश डोगरा ने श्रेष्ठ लिफ्टर का खिताब अपने नाम किया। (जागरण फोटो)

    निखिल पाठक, नई दिल्ली। राजधानी में मजनू के टीले इलाके को ड्रग्स हब के रूप में जाना जाता है। यहां के अधिकतर युवा नशे की लत में लिप्त रहते हैं। लेकिन यहां एक ऐसा भी लड़का रहता है, जो अपने जज्बे, जुनून और कामयाबी की जिद के दम पर विश्वभर में भारत का नाम रोशन कर रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रितेश ने अपने नाम किया श्रेष्ठ लिफ्टर का खिताब

    बता दें कि हाल ही में जर्मनी के श्वेट्जिंगन में आयोजित आईपीएल यूरोपियन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में रितेश डोगरा ने स्वर्णिम प्रदर्शन कर श्रेष्ठ लिफ्टर का खिताब अपने नाम किया। 87 किलो भार वर्ग फुल पावरलिफ्टिंग में रितेश ने कुल 760 किलो भार उठाते हुए दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीतकर प्रथम स्थान प्राप्त किया।

    इसी स्पर्धा में अमेरिका के जस्टिन 740 किलो और जर्मनी के रवाड 737.5 किलो भार उठाकर क्रमशः द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे। बता दें कि चैंपियनशिप में भारत, जर्मनी, फ्रांस, इटली, अमेरिका, इंग्लैंड, आयरलैंड, व ग्रीस से 121 खिलाड़ियों ने भाग लिया था।

    यह भी पढ़ें- Ghaziabad Weather: सुबह से छाए रहे बादल, बारिश के आसार; अगले दो दिन ऐसा रहेगा मौसम

    रितेश के पिता चलाते हैं किराने की दुकान

    रितेश अपने पिता हेमराज डोगरा और मां संतोष डोगरा के साथ मजनू का टीला कॉलोनी के एच-ब्लाक में रहते हैं। उनके पिता किराने की दुकान चलाते हैं और मां गृहिणी हैं। इसी क्रम में गांव ताजपुर निवासी सुरेंद्र सिंह ने फुल पावरलिफ्टिंग रा मास्टर में कुल तीन स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीता। सुरेंद्र ने 665 किलो भार उठाया। जर्मनी के मिशेल 650 किलो दूसरे और जर्मनी के ही ल्यूकास 645 किलो भार उठाकर तीसरे स्थान पर रहे।

    यह भी पढ़ें- उपराष्ट्रपति दौरा: यहां थम जाएगा यातायात, चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात; धारा 144 लागू और ड्रोन उड़ाने पर लगाई पाबंदी

    द्रोणाचार्य अवार्डी भूपेंद्र धवन के शिष्य हैं तीनों

    वहीं मुखर्जी नगर निवासी फुल पावरलिफ्टिंग ओपन रा में प्रभजीत बख्शी ने दो स्वर्ण और एक रजत जीता। प्रभजीत ने कुल 690 किलो भार उठाया। दूसरे स्थान पर सुरेंद्र सिंह ने 665 किलो भार उठाया और तीसरे स्थान पर ग्रीस के चारिडिमास ने कुल 655 किलो भार उठाया। बता दें कि यह तीनों ही द्रोणाचार्य अवार्डी भूपेंद्र धवन के शिष्य हैं।

    रितेश की उपलब्धियां

    - वर्ष 2023 में फ्लोरिडा स्थित आरलैंडो में प्रो ओलिंपिया पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में दो स्वर्ण और एक रजत

    - वर्ष 2014 में आगरा में जूनियर राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में पहला स्वर्ण पदक

    - वर्ष 2015 में सीनियर राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण

    - साल 2015 के अंत में ओपन अंतरराष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग में स्वर्ण के रूप में पहला अंतरराष्ट्रीय पदक

    - साल 2017 में विश्व पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक

    रितेश डोगरा, सुरेंद्र सिंह, प्रभजीत बख्शी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राजधानी व देश का नाम रोशन किया है। सुरेंद्र दो बार के मिस्टर इंडिया का खिताब भी जीत चुके हैं। खेल के इस क्षेत्र में उदीयमान भारतीय खिलाड़ियों से बहुत आशाएं हैं। - भूपेंद्र धवन, द्रोणाचार्य अवार्डी