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    RSS की शाखाओं में हो सकती है महिलाओं की एंट्री, स्थापना के शताब्दी वर्ष में नए प्रयोग की तैयारी में संघ

    By Nimish HemantEdited By: Geetarjun
    Updated: Sun, 25 Dec 2022 08:21 PM (IST)

    Woman Join Rashtriya Swayamsevak Sangh राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 2024 में अपना शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है। इसे लेकर संघ तमाम तरह की तैयारियों में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में संघ की शाखाओं में परिवार शाखा के माध्यम से महिलाओं को भी प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है।

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    RSS की शाखाओं में हो सकती है महिलाओं की एंट्री।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 2024 में अपना शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है। इसे लेकर संघ तमाम तरह की तैयारियों में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में संघ की शाखाओं में 'परिवार शाखा' के माध्यम से महिलाओं को भी प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है। इसे लेकर संघ के शीर्ष नेतृत्व में विचार-विमर्श चल रहा है।

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    प्रतिनिधि सभा व कार्यकारी मंडल की शीर्ष बैठकों में भी इस पर मंत्रणा हो रही है। संगठन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक, इस अहम बदलाव पर विमर्श ऐसे वक्त में है, जब अपने शताब्दी वर्ष में संघ ने एक लाख स्थानों तक कार्य विस्तार का लक्ष्य तय किया है।

    देशभर में 75 हजार जगहों पर संघ का विस्तार

    मौजूदा समय में देशभर में करीब 75 हजार स्थानों पर संघ का विस्तार है। RSS पुरुषों के बीच कार्य करता है, जबकि महिलाओं के लिए पृथक संगठन राष्ट्र सेविका समिति है, जिसकी गतिविधियां बालिकाओं, युवतियों और महिलाओं के बीच हैं।

    अमेरिका में भी है प्रचलित

    संघ की स्थापना वर्ष 1925 में हुई थी, तब से यही परंपरा चली आ रही है। हालांकि, इसे लेकर कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जैसे नेता अक्सर सवाल भी खड़े करते रहते हैं। वैसे, अमेरिका जैसे देशों में परिवार शाखा प्रचलित है, क्योंकि वहां परिवार के सदस्य अपने कार्यों की वजह से दूर-दूर रहते हैं।

    देश के महानगरों में बन रही महिलाओं को जोड़ने की स्थिति

    ऐसे में वहां सप्ताह और महीने में परिवार शाखाएं लगती हैं, जिसमें परिवार के सभी सदस्य भाग लेते हैं। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक, दिल्ली समेत देश के अन्य महानगरों में भी कुछ-कुछ इस तरह की स्थिति बन रही है।

    बदलती परिस्थितियों में अब इसे संघ में औपचारिक रूप से आजमाने पर विमर्श तेज है। ऐसे में उम्मीद है कि एक-दो वर्ष में यह प्रयोग शुरू हो जाए और संघ के ध्वज तले परिवार शाखाओं में महिलाओं का भी जुटान होने लगे। भले ही इसमें पुरुषों व महिलाओं की गतिविधियां अलग-अलग हों।

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    उनके मुताबिक परिवार शाखाएं प्रति सप्ताह या महीने में एक बार लगाई जाएंगी। कोरोना महामारी के दौरान लाकडाउन में जब प्रत्यक्ष शाखा की गतिविधियां नहीं हो रही थीं तब भी परिवार शाखाएं प्रयोग में आई थीं।

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