राजाओं की बावली मरम्मत के बाद दर्शकों के दीदार को तैयार, पर्यटक इस दिन से देख सकेंगे खूबसूरत नजारा
rajon ki baoli महरौली के पुरातत्व पार्क में स्थित राजाओं की बावली का जीर्णोद्धार कार्य लगभग पूरा हो चुका है और इसे जनवरी के अंत तक पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। बावली में पेंटिंग साफ-सफाई रंगाई छत की मरम्मत का काम हो चुका है और फिलहाल हल्की टूट-फूट व नक्काशी को संवारने का काम जारी है। इसके बाद पर्यटक पहले से आकर्षक और सुसज्जित बावली को देख सकेंगे।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। rajon ki baoli: महरौली के पुरातत्व पार्क स्थित राजाओं की बावली का दीदार पर्यटक 26 जनवरी के बाद कर सकेंगे। बावली के जीर्णोद्धार का काम तकरीबन पूरा कर लिया गया है। लगभग एक महीने में बाकी काम होने के बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
इसके बाद पर्यटक पहले से आकर्षक और सुसज्जित बावली को देख सकेंगे। बावली में पेंटिग, साफ-सफाई, रंगाई, छत की मरम्मत का काम हो चुका है, फिलहाल हल्की टूट-फूट व नक्काशी को संवारने का काम जारी है। हालांकि पर्यटक बावली को देखने पहुंच रहे हैं, लेकिन इसके भीतर चल रहे काम के चलते नजदीक जाने की इजाजत नहीं है।
गहरी बावली को खाली कर कचरा और मलबा किया गया साफ
पुरातत्व विभाग की ओर से करीब 20 साल बाद बावली की साफ-सफाई, मरम्मत, पेंटिंग आदि का काम कराया जा रहा है जोकि करीब सात महीने से जारी है। गहरी बावली को खाली कर कचरा और मलबा निकालकर दोबारा से साफ पानी भरा गया है।
बावली की क्षतिग्रस्त छत की मरम्मत और पूरी बावली में फर्श के पैचवर्क का काम भी हो चुका है। दीवारों पर उकेरे हुए फूलों व नक्काशी की टूट-फूट को संवार दिया गया है। बावली में कुछ सौंदर्यीकरण और उसके ठीक सामने मौजूद हिस्से पर घास लगाने का काम बाकी है।
जनवरी के अंतिम सप्ताह तक इसे पर्यटकों के लिए खोला जाएगा
सारा काम जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी तक इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके बाद पर्यटक सुंदर, सुसज्जित और आकर्षक बावली का दीदार कर सकेंगे।
ऐतिहासिक विरासत को सहेजे हैं ये धरोहर
कुतुबमीनार (Qutub Minar) परिसर से सटा यह पार्क अपने आप में 100 से ज्यादा ऐतिहासिक धरोहरों का गौरव है। यहां पर्यटक दिल्ली के अलग-अलग शासकों के कई किले, मस्जिद, कब्र और जल संरक्षण की सदियों पुरानी व्यवस्था बावली देखने आते हैं।
यहां पर खंडहर बन चुके कुछ किले ऐसे भी हैं, जिनके ढांचे अपने समय की गौरवगाथा को अवशेषों से ही प्रमाणित करते हैं। यहां आपको बलबन का मकबरा और कब्र, अधम खान का मकबरा, कुली खान का मकबरा जैसी ऐतिहासिक विरासत देखने को मिलेंगी।
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