कोरोना काल में फेसबुक के माध्यम से लोगों को प्रेरित कर रहे कवि व शिक्षक डॉ. विवेक गौतम
लेखक के साथ विवेक बहुत अच्छे व प्रेरक शिक्षक भी हैं। इस वर्ष उनकी 12 वीं कक्षा के विद्यार्थियों का परिणाम शत प्रतिशत रहा और उन्होंने 85 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले अपने विद्यार्थियों को 1100 रुपये भेंट देने की घोषणा भी की है

पूर्वी दिल्ली [रितु राणा]। कोरोना काल में ईस्ट विनोद नगर निवासी कवि व शिक्षक डॉ. विवेक गौतम फेसबुक के माध्यम से श्रोताओं को आनंदित कर रहे हैं। गौतम 1986 से लेखन कर रहे हैं। वहीं, 1987 में वह शिक्षण के क्षेत्र से भी जुड़ गए। कोरोना में उन्होंने अपनी उद्भव संस्था के माध्यम से फेसबुक व यूट्यूब पर ऑनलाइन बिंदु से सिंधु कार्यक्रम चलाकर लोगों को खूब प्रेरित किया।
विवेक ने बताया कि बिंदु से सिंधु कार्यक्रम में वह अलग अलग प्रोफेशन से जुड़े साहित्यप्रेमियों को बुलाकर, उनकी रचनाओं पर चर्चा की। यह कार्यक्रम उन्होंने लगातार चार माह तक हफ्ते में दो दिन चलाया, जिसमें उसमें लोग बताते थे कि वह लेखन के लिए कैसे प्रेरित हुए और उनके लेखन से लोग कैसे प्रेरित हुए। वहीं, ऑनलाइन द टीचर्स में ही हिस्सा लिया, जिसमें शिक्षा और साहित्य पर अपने अनुभव भी साझा किए।
1987 से लगातार शिक्षण करते हुए भी डॉ. विवेक सहित्य से भी जुड़े रहे। वह कहते हैं कि साहित्य बिना उन्हें जीवन नीरस लगता है। इसलिए उन्होंने स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के साथ साथ अपना लेखन कार्य भी जारी रखा। अब तक उनकी पांच पुस्तकें 'समय की शतरंज पर, कालजयी शब्द के साथ , गांधी का चौथा बंदर, कहने को बहुत कुछ था, खरीदी हुई नींद' कविता संग्रह प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कविताओं को लोगों द्वारा खूब पसंद किया जाता है।
लेखक के साथ विवेक बहुत अच्छे व प्रेरक शिक्षक भी हैं। इस वर्ष उनकी 12 वीं कक्षा के विद्यार्थियों का परिणाम शत प्रतिशत रहा और उन्होंने 85 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले अपने विद्यार्थियों को 1100 रुपये भेंट देने की घोषणा भी की है। इसके लिए जल्द वह एक कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को सम्मानित करेंगे।
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