संसद भवन के सामने आत्मदाह पीड़ित की मौत, पुलिस की बड़ी लापरवाही आई सामने; ये था पूरा मामला
New Parliament Building नए संसद भवन के सामने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने वाले युवक जितेंद्र की उपचार के दौरान मौत हो गई। वह 95 प्रतिशत झुलस गया ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नए संसद भवन के सामने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने का प्रयास करने वाले युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई। वह आरएमएल अस्पताल में भर्ती था और 95 प्रतिशत झुलस गया था।
शुक्रवार तड़के 2.23 बजे उसकी मौत हो गई। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद जितेंद्र का शव उसके स्वजन को सौंप दिया गया है।
नई संसद की इमारत के पास किया था आत्मदाह
उपायुक्त देवेश मेहला के मुताबिक, बुधवार को उत्तर प्रदेश के बागपत के रहने वाले जितेंद्र ने अपने शरीर पर पेट्रोल डालकर नई संसद की इमारत के पास आत्मदाह करने की कोशिश की थी।
संसद के पास तैनात सुरक्षाकर्मियों की मदद से आग बुझाई गई और उसे आरएमएल अस्पताल ले जाया गया और बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया। शुरुआती जांच में पता चला था कि जितेंद्र पर वर्ष 2021 में बागपत थाने में मारपीट को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया था।
पीड़ित 95 प्रतिशत तक झुलसा, सांस की नली तक पूरी तरह से जला
इस मामले में वह बागपत पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई न करने से व्यथित होकर उसने यह कदम उठाया। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वह 95 प्रतिशत तक झुलस गया था। और सांस की नली तक पूरी तरह से जल गई थी।
थोड़ा अगर विस्तार से चर्चा करें तो मृतक जितेंद्र उत्तर प्रदेश (UP Crime) के बागपत जिले के छपरौली थाने से करीब 200 मीटर की दूर उसका घर है। यहीं पर उस दूसरे युवक का भी घर है। जो पेशे से होमगार्ड है। जिसका नाम कविंद्र है। वहीं जितेंद्र पेशे से एलएलबी का छात्र था। बीते साढ़े तीन साल में दोनों परिवार के बीच कई बार झगड़ा हुआ।
तीन मुकदमें तो पुलिस नेभी दर्ज किए, लेकिन विवाद को खत्म करने का प्रयास नहीं किया गया। जितेंद्र के परिवार ने तो पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया था। जितेंद्र के संसद भवन के सामने आत्मदाह की कोशिश करने की घटना ने देशभर में खलबली मचा दी। इस घटना के बाद सवाल उठा रहा है कि आखिर पुलिस किस काम की है।

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