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    क्लिक कर जानें, दिल्ली में कहांं बनाया था जासूसों ने ठिकाना

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Sat, 29 Oct 2016 12:45 PM (IST)

    मौलाना रमजान, सुभाष जांगिड़ और शोएब ने पूछताछ में बताया कि 25 अक्टूबर को वह दिल्ली आए थे और पहाड़गंज के एक होटल में रुके थे।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पाक उच्चायोग के वीजा अफसर को सेना, बीएसएफ एवं पैरामिलिट्री से जुड़े गोपनीय दस्तावेज और जानकारियां देने दिल्ली आए तीनों जासूस पहाड़गंज के एक होटल में रुके थे। होटल में ही जासूसों ने अगले दिन की रणनीति तैयार की थी। तीनों जासूसों ने क्राइम ब्रांच को यह जानकारी दी है। राजस्थान पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए तीसरे जासूस शोएब को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है तीनों से पूछताछ में मिली जानकारी के बाद पुलिस अब होटल मालिक से भी पूछताछ करेगी।

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    मौलाना रमजान, सुभाष जांगिड़ और शोएब ने पूछताछ में बताया कि 25 अक्टूबर को वह दिल्ली आए थे और पहाड़गंज के एक होटल में रुके थे। उन्होंने काफी देर तक अगले दिन की रणनीति तैयार की थी। इसी दौरान उन्होंने पाक उच्चायोग में वीजा अफसर महमूद अख्तर से वाट्सएप पर बात भी की थी। मिलने के समय से लेकर दस्तावेजों को देने तक की बात हुई थी।

    जासूसी मामले में पाक उच्चायोग में तैनात ISI का एक और एजेंट गिरफ्तार

    26 अक्टूबर को सुबह सुभाष एवं मौलाना रमजान वीजा अफसर महमूद अख्तर से मिलने चिड़ियाघर गए थे, जबकि शोएब होटल में ही था। सुभाष एवं मौलाना को जब आने में देर हुई तो शोएब ने उनके मोबाइल नंबर पर फोन किया, लेकिन फोन स्विच ऑफ मिले। अंदेशा होने पर शोएब होटल से भागकर राजस्थान चला गया था। शोएब ने बताया कि वह गुजरात एवं राजस्थान में वीजा एजेंट के तौर पर काम करता था और वीजा के संबध में ही उसकी मुलाकात महमूद अख्तर से हुई थी। वह लगातार महमूद अख्तर के संपर्क में था। मौलाना रमजान एवं सुभाष से उसके गहरे संबंध थे। उसने ही दोनों को जासूसी के लिए तैयार किया और महमूद से मिलवाया।

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    जासूसों एवं अपराधियों का ठिकाना बने पहाड़गंज के होटल

    पहाड़गंज के होटल पाक जासूसों एवं अपराधियों का ठिकाना बन चुके हैं। होटल मालिक चंद रुपयों के लालच में नियमो की अनदेखी करते हैं और दूसरे राज्यों से आए लोगों को बिना आइडी के कमरा उपलब्ध करा देते हैं। फर्जी आइडी पर भी कमरे उपलब्ध कराए जाते हैं।

    कई होटलों में न तो सीसीटीवी कैमरे हैं और न ही नियमित रूप से आने-जाने वालों का रिकॉर्ड ही रखा जाता है। यह पहला मौका नहीं है जब देशविरोधी गतिविधि में शामिल भारतीय जासूस पहाड़गंज के होटल में रुके हों। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन पुलिस वारदात के बाद ही सजग होती है।

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    पहाड़गंज में 750 से अधिक छोटे-बड़े होटल हैं। विदेशी ही नहीं देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले सैकड़ों लोग रोजाना इन होटलों में ठहरते हैं। दिल्ली पुलिस के सख्त निर्देश हैं कि हर होटल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आइडी के बिना रुकने के लिए कमरा न दिए जाएं। इसके बावजूद नियमों को धता बताकर होटल मालिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

    शोएब ने अपना टैब तोड़ने की कोशिश की

    पुलिस ने शोएब के पास से एक क्षतिग्रस्त टैब बरामद किया है, जिसे उसने पकड़े जाने से पहले तोड़ने की कोशिश की थी। टैब के डाटा को वापस पाने (रिट्रीव) की कोशिश की जा रही है। जांच अधिकारियों के अनुसार टैब के जरिये यह जानने में मदद मिल सकती है कि शोएब ने क्या-क्या दस्तावेज आइएसआइ को भेजे हैं। वह किसके संपर्क में था और सेना, बीएसएफ एवं पैरामिलिट्री के किन अधिकारियों के जरिये उसने दस्तावेज जुटाए थे, इसके बारे मेंं भी पता चल सकता है।

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