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    जासूसी मामले में पाक उच्‍चायोग में तैनात ISI का एक और एजेंट गिरफ्तार

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 28 Oct 2016 06:30 PM (IST)

    पाकिस्‍तान उच्‍चायोग में तैनात आइएसआइ को एक और एजेंट गिरफ्तार हुआ है। दिल्‍ली पुलिस को उम्‍मीद है कि इससे कुछ और चौंकाने वाली जानकारियां मिल सकती है। ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली (जेएनएन)। जासूसी मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक और कामयाबी हासिल करते हुए भारतीय खुफिया एजेंसी (आइएसआइ) के एजेंट शोएब को भी गिरफ्तार कर लिया है। जासूसी रैकेट में जोधपुर निवासी शोएब को पुलिस अहम कड़ी मान रही है। पुलिस की कई टीम सरगर्मी से शोएब की तलाश में जुटी थी।जिसके बाद दिल्ली से जोधपुर आ रहे शोएब को पुलिस ने मेड़ता रोड रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया।

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    छह बार पाकिस्तान जा चुका है शोएब

    ज्वाइंट सीपी रविंद्र यादव ने आज पत्रकार वार्ता में शोएब की गिरफ्तारी की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शोएब कम से कम छह बार पाकिस्तान जा चुका है। उसकी मां और परिवार के अन्य कई सदस्य पाकिस्तान में ही रहते हैं। उसके पाकिस्तान में भी कई संबंध हैं।

    जानें, कैसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करते थे 'भारतीय'

    रविेंद्र यादव ने बताया कि शोएब तकरीबन तीन-चार साल से अपना खुफिया ऑपरेशन चला रहा था। इस दौरान उसके संबंध पाकिस्तान में हाईकमीशन से रहे।

    उन्होंने बताया कि मौलाना रमजान, सुभाष और शोएब का तगड़ा नेटवर्क था। इस नेटवर्क से और भी लोग जुड़े हो सकते हैं। पुलिस जांच कर रही है। पूछताछ के आधार पर रविंद्र यादव ने बताया कि शोएब वीजा एजेंट भी था।

    पुलिस के मुताबिक, जोधपुर निवासी वीजा एजेंट शोएब ने ही मौलाना रमजान को पाक उच्चायोग में तैनात रहे अधिकारी महमूद अख्तर से मिलवाया था। इसके बाद ये लोग उसे गोपनीय सूचना मुहैया कराते थे।

    जटिया बास निवासी शोएब जोधपुर में लोगों के पासपोर्ट बनवाने के साथ ही हनी ट्रैप में इस्तेमाल के लिए लड़कियों की भी तलाश करता था। कहा जा रहा है कि शोएब ऐसी लड़कियों की तलाश में रहता था जो पाकिस्तान जाना चाहती थी लेकिन किसी वजह से उन्हें पाकिस्तान का वीजा नहीं मिल पाता था।

    गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को एक जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया था। पुलिस उस रैकेट के पीछे पिछले 6 महीनों से लगी हुई थी। ये बॉर्डर पर तैनात भारतीय सुरक्षा बल से जुड़ी सीक्रेट जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (ISI) तक पहुंचाते थे।

    इस गिरोह में पुलिस ने कुल चार लोगों को पूछताछ के लिए पकड़ा था। पुलिस ने पहले 35 साल के महमूद अख्तर नाम के शख्स को पूछताछ के लिए पकड़ा। उसके साथ 50 साल के रमजान खान और 35 साल के सुभाष जांगीर को भी पकड़ा गया। तीनों को दिल्ली के चिड़िया घर के पास से पकड़ा गया था।

    पकड़े जाने पर अख्तर के पास ‘फर्जी’ आधारकार्ड भी मिला था, लेकिन उसने अपने राजनयिक होने के कुछ दस्तावेज दिखाए जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया।