दिल्ली में 29 नवंबर के बाद नए रजिस्ट्रेशन के लिए आए 4.8 लाख से ज्यादा फॉर्म, 82 हजार ने नाम हटाने के दिए आवेदन
दिल्ली में आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची में कथित तौर पर नाम हटाए जाने को लेकर जारी विवाद के बीच सीईओ कार्यालय ने सोमवार को कहा कि 29 नवंबर से अब तक उसे नाम हटाने के लिए 82450 आवेदन और नए पंजीकरण के लिए 4.8 लाख से अधिक आवेदन आए हैं। अंतिम मतदाता सूची तैयार की जा रही है और इसे छह जनवरी 2025 को प्रकाशित किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। आगामी चुनावों से पहले दिल्ली की मतदाता सूची से कथित रूप से नाम हटाए जाने को लेकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में वाकयुद्ध के बीच मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने सोमवार को कहा कि 29 नवंबर से अब तक उसे नाम हटाने के लिए 82,450 आवेदन और नए पंजीकरण के लिए 4.8 लाख आवेदन हासिल हो चुके हैं।
सीईओ कार्यालय ने एक बयान में कहा कि अंतिम मतदाता सूची तैयार की जा रही है और इसमें कुछ जोड़ने, हटाने या संशोधन करने के बाद इसे छह जनवरी, 2025 को प्रकाशित किया जाएगा। बयान में यह भी कहा गया है, “मतदाता पहचान पत्र प्राप्त करने के लिए झूठे दस्तावेज प्रस्तुत करना दंडनीय अपराध है। ऐसे उल्लंघनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
प्रक्रिया निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार हो रही
सीईओ कार्यालय के अनुसार, यह प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदाता सूची अद्यतन रहे और सभी पात्र मतदाताओं के लिए समावेशी रहे। पुनरीक्षण-पूर्व अवधि के दौरान, बूथ स्तर के अधिकारियों द्वारा 20 अगस्त, 2024 से 18 अक्टूबर, 2024 तक घर-घर जाकर सत्यापन किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य अपंजीकृत पात्र नागरिकों, एक अक्टूबर, 2025 तक 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले संभावित मतदाताओं, साथ ही स्थायी रूप से स्थानांतरित या मृत मतदाताओं और दोहरी प्रविष्टियों की पहचान करना था।
29 अक्टूबर को मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित
बयान में कहा गया है कि इसके बाद 29 अक्टूबर, 2024 को मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित किया गया, जिसमें जनता से दावे और आपत्तियां दाखिल करने के लिए कहा गया। इसमें कहा गया है कि इन्हें 28 नवंबर, 2024 तक स्वीकार किया गया तथा प्राप्त सभी दावों और आपत्तियों का निपटारा 24 दिसंबर, 2024 तक कर दिया गया।
4 लाख से ज्यादा आवेदन नए रजिस्ट्रेशन के लिए आए
बयान के मुताबिक, 29 नवंबर से अब तक नये पंजीकरण के लिए 4,85,624 आवेदन, नाम हटाने के लिए 82,450 आवेदन तथा संशोधन के लिए 1,71,385 आवेदन प्राप्त हुए हैं। सीईओ कार्यालय ने चेतावनी दी है कि मतदाता सूची में एक से अधिक प्रविष्टियां या एक से अधिक मतदाता पहचान पत्र रखना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 और 18 के तहत दंडनीय अपराध है।
उसने कहा है, “हाल ही में दिल्ली के ओखला विधानसभा क्षेत्र में मतदाता पंजीकरण के लिए झूठे दस्तावेज जमा करने के आरोप में आठ व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस तरह के उल्लंघन के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।”
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