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    हार्न बजाने का विरोध करना पड़ा महंगा, बजरंग दल के कार्यकर्ता की युवकों ने की बेहरमी से हत्या

    By Dhananjai MishraEdited By: Prateek Kumar
    Updated: Sun, 16 Oct 2022 11:25 PM (IST)

    डीसीपी मध्य जिला श्वेता चौहान का कहना है कि 12 अक्टूबर की रात नितेश आलोक और मोंटी की उफीजा अदनान और अब्बास से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। दोनों तरफ तीन-तीन युवक शामिल थे। मुस्लिम युवकों ने लाठी डंडे से बेरहमी से वार करना शुरू कर दिया।

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    स्वजन को आरोप 20 से 25 मुस्लिम युवकों ने लाठी डंडो से पीटा, आरोपित पुलिस की पकड़ से दूर।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रंजीत नगर इलाके में गत 12 अक्टूकर की रात बाइक से जा रहे तीन युवकों को हार्न नहीं बजाने और तेज रफ्तार में बाइक नहीं चलाने को कहना एक युवक को उसकी जान पर भारी पड़ गया। बाइक सवार युवकों ने विरोध जता रहे नितेश और उनके साथ अलोक पर लाठी, डंडों और राड से ताबड़तोड़ व बेरहमी से वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। गंभीर रूप से घायल नितेश व आलोक को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था, जहां उपचार के दौरान रविवार तड़के नितेश की मौत हो गई।

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    20 से 25 रही हमलावरों की संख्या

    बताया जा रहा है कि हमलावरों की संख्या 20 से 25 थी। मामले में पुलिस ने उफीजा, अदनान और अब्बास के खिलाफ हत्या की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर लिया है। घटना के पांच दिन बाद भी आरोपित पुलिस की पकड़ से दूर हैं। घटना के बाद से नितेश के पैतृक गांव शादीपुर समेत इसके आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों में पुलिस के प्रति गहरा आक्रोश है।

    पटेल नगर चौराहा को लोगों ने किया जाम

    रविवार को लोगों ने पटेल नगर चौराहा जाम कर दिया। हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने आरोपितों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है, साथ ही घटना के पांच दिन बीत जाने के बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए है।

    बजरंग दल से जुड़ा था नितेश

    जानकारी के अनुसार नितेश अपने परिवार के साथ शादीपुर गांव में रहते थे। उनके परिवार में मां कमलेश, छोटा भाई पुनीत हैं। उनके पिता विजय कुमार की सात वर्ष पहले निधन हो गया था। नितेश अप्रत्यक्ष रूप से बजरंग दल से भी जुड़े हुए थे और कई दल के कार्यक्रमों में भाग लेते रहते थे। बुधवार देर रात करीब 12.30 बजे नितेश मोहल्ले के ही रहने वाले अपने दोस्त आलोक के साथ मंदिर वाली गली में टहल रहे थे। इस बीच इलाके की रहने वाले तीन युवक बाइक पर वहां पहुंचे।

    हार्न बजाने का किया था विरोध

    तीनों बाइक से लगातार हार्न बजा रहे थे। नितेश ने इसका विरोध किया तो आरोपित गाली-गलौज करने लगे। इसी बात पर नितेश का लड़कों से झगड़ा होने लगा। हाथापाई के कुछ ही देर बाद पास की मस्जिद से करीब 20-25 लड़के और वहां पहुंचे। इसके बाद सभी ने नितेश, आलोक पर लाठी, डंडे और लोहे की राड से हमला कर दिया। हमले में नितेश गंभीर रूप से घायल हुए। बाद में सभी आरोपित मौके से फरार हो गए। गंभीर हालत में पहले नितेश को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस ने रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को स्वजन को सौंप दिया है।

    सांप्रदायिक रूप न देने के लिए पुलिस दोनों पक्षों से करती रही अपील

    इस मामले में डीसीपी मध्य जिला श्वेता चौहान का कहना है कि 12 अक्टूबर की रात नितेश, आलोक और मोंटी की उफीजा, अदनान और अब्बास से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। दोनों तरफ तीन-तीन युवक शामिल थे। मुस्लिम युवकों ने लाठी डंडे से बेरहमी से वार करना शुरू कर दिया। घटना में नितेश और आलोक गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। चूंकि उस समय किसी ने कोई बयान दर्ज नहीं कराया था, इसलिए रंजीत नगर थाना पुलिस ने डीडी एंट्री के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली थी। घटना के फुटेज से पता चला है कि झगड़े की शुरुआत नितेश और आलोक ने की थी। डीसीपी का कहना है कि नितेश और आलोक दोनों का पुराना आपराधिक रिकार्ड है। पुलिस को यह भी कहना है कि वारदात में कोई सांप्रदायिक मुद्दा शामिल नहीं है। यह संयोग है कि दोनों पक्ष अलग-अलग समुदायों से ताल्लुक रखती हैं। पुलिस लगातार इलाके के लोगों से अनुरोध करती रही कि वे इसे सांप्रदायिक रंग न दें। मामले में सभी पहलुओं को ध्यान में रख कर जांच की जा रही है।

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