Kisan Andolan: अब नरेश टिकैत मुजफ्फरनगर से किसानों के प्रदर्शन को लेकर भरेंगे हुंकार, जानिए क्या कहा
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत किसान आंदोलन को रह-रहकर धार देते रहते हैं जिससे किसान इस आंदोलन से अलग थलग न होने पाएं। किसान बाहुल्य इलाकों में पंचायत कर उनको जोड़े रखने के लिए तमाम तरह के काम किए जा रहे हैं।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत किसान आंदोलन को रह-रहकर धार देते रहते हैं जिससे किसान इस आंदोलन से अलग थलग न होने पाएं। किसान बाहुल्य इलाकों में पंचायत कर उनको जोड़े रखने के लिए तमाम तरह के काम किए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले मेरठ, और शामली में हुई पंचायत में किसानों को आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए उनका उत्साहवर्धन किया गया। अब किसान यूनियन का अगला टारगेट मुजफ्फरनगर में की जाने वाली महापंचायत है।
5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में आयोजित पंचायत किसान महापंचायत नहीं, बल्कि किसानों का धर्म युद्ध है ।#FarmersProtest
— Naresh Tikait (@NareshTikait) August 24, 2021
पांच सितबंर को महापंचायत को सफल बनाने की अपील
इससे पहले मेरठ के शामली क्षेत्र के गांव लांक में किसानों की पंचायत हुई थी। इसमें किसान संयुक्त मोर्चा की आगामी 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत को सफल बनाने को लेकर रणनीति बनाई गई। भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि हमें मिलकर आगामी पांच सितंबर की महापंचायत को सफल बनाना है। गांव खरड़ में हुई पंचायत में बाबा राजेंद्र सिंह के बयान पर उन्होंने कहा कि हम उन पर भरोसा और सम्मान करते है। इतना भरोसा कि कोरे कागज पर हस्ताक्षर कर दे सकते हैं।
लगाया पूरा जोर
पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत के लिए भारतीय किसान यूनियन ने पूरा जोर लगा दिया है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत युद्ध स्तर पर तैयारी में जुटे हैं। भोजपुर में मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे के किसानों का मामला हो या फिर किसानों की अन्य कोई समस्या। राकेश टिकैत हर जगह जाकर कृषि कानूनों को वापस लेने की आवाज बुलंद कर रहे हैं। मेरठ मंडल के प्रभारी ओमपाल मलिक भी लगातार भाकियू कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के संपर्क में हैं। वह गांव-गांव जाकर किसानों से कृषि कानूनों के विरोध में समर्थन मांग रहे हैं।
इस आंदोलन के बाद नहीं होगा कोई आंदोलन
महापंचायत किसानों के भविष्य की बात है। किसान आज बारूद के ढेर पर बैठा है। इसलिए मनमुटाव, भेदभाव भुलाकर एकजुट होकर पंचायत को सफल बनाएं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन चल रहा है। यह सफल न हुआ तो फिर कोई आंदोलन नहीं होने वाला है।
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