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    जानिए दिल्ली में लगाया गया स्माग टावर कब पूरी क्षमता के साथ करने लगेगा काम, पर्यावरण मंत्री ने बताया समय

    पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बारिश खत्म होते ही यह टावर को पूरी क्षमता के साथ चालू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार भी इस टावर की प्रभावशीलता के बारे में आकलन कर रही है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे प्रदूषण कम हो सकता है।

    By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Tue, 24 Aug 2021 01:11 PM (IST)
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    दिल्ली के कनाट प्लेस में लगाया गया स्माग टावर फिलहाल पूरी क्षमता के साथ काम नहीं करेगा।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के कनाट प्लेस में लगाया गया स्माग टावर फिलहाल पूरी क्षमता के साथ काम नहीं करेगा। इसमें अभी थोड़ा समय लगेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इसका विधिवत उदघाटन किया। कनाट प्लेस में स्माग टावर का उद्घाटन होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बारिश खत्म होते ही यह टावर को पूरी क्षमता के साथ चालू हो जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार भी इस टावर की प्रभावशीलता के बारे में आकलन कर रही है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे प्रदूषण कम हो सकता है। राय ने कहा कि स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी और जलवायु के लिए वायु प्रदूषण एक बड़ा खतरा है। ऐसे में स्माग टावर में लगी आउटडोर एयर क्लीनिंग टेक्नोलाजी आसपास के क्षेत्र में स्वच्छ हवा प्रदान करेगी।

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    ये है स्माग टावर की विशेषताएं

    - जमीन से ऊंचाई 24.2 मीटर।

    - टावर का प्लान एरिया

    - 28 गुणे 28 मीटर है।

    - टावर आरसीसी और स्टील संरचना से बना है।

    - ऊपर से प्रदूषित हवा खींचेगा और पंखे के माध्यम से 1,000 घन मीटर प्रति सेकेंड फिल्टर हवा नीचे जमीन के पास छोड़ेगा।

    - टावर का प्रभाव केंद्र करीब एक किलोमीटर के दायरे में है।

    - इसमें कुल 40 पंखे लगे हैं।

    - 25 घन मीटर प्रति सेकंड वायु प्रवाह दर है।

    - 960 आरपीएम (रोटेशन प्रति मिनट) पंखे की गति।

    - 16.1 मीटर प्रति सेकंड है पंखे की आउटलेट वेलोसिटी (संवेग)

    - कुल फिल्टर की संख्या 5000 है।

    - ईएसएस की क्षमता 1250 केवीए है। थ्री-एम फिल्टर इलेक्ट्रोस्टैटिक एयर फिल्टर में होती है,

    प्रदूषक कणों को अलग करने की क्षमता

    थ्री-एम फिल्टर इलेक्ट्रोस्टैटिक एयर फिल्टर को घर की हवा में सबसे छोटे हवाई कणों को पकड़ने की क्षमता के आधार पर रेट किया जाता है। छोटे प्रदूषक कणों को पकड़ने की एक फिल्टर की क्षमता के माप को माइक्रोपार्टिकल परफार्मेंस रेटिंग (एमपीआर) कहा जाता है और इसके फिल्टर का एमपीआर 2,200 है। नोवल फिल्टर धुएं, खांसी और छींक के मलबे, बैक्टीरिया और वायरस जैसे सूक्ष्म कणों और लिंट, घरेलू धूल और पराग सहित बड़े कणों को आकर्षित और कैप्चर करेंगे। स्माग टावर की मानिटरिंग इन बिल्ट स्काडा सिस्टम (पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण) के माध्यम से की जाएगी।

    भाजपा का आरोप, आप सरकार वायु प्रदूषण को कम करने में गंभीर नहीं

    भाजपा ने स्माग टावर को लेकर दिल्ली सरकार पर गलत दावा करने का आरोप लगाया है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि राजधानी में वायु प्रदूषण की समस्या को हल करने को लेकर यह सरकार गंभीर नहीं है। इस समस्या को दूर करने के लिए जरूरी स्माग टावर लगवाने में दिल्ली सरकार बहुत पीछे चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कनाट प्लेस में दिल्ली का पहला स्माग टावर लगाने का दावा कर रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि यहां पहले से तीन स्माग टावर लगे हुए हैं।

    कपूर ने कहा कि पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर पिछले वर्ष ही राजधानी में तीन स्माग टावर लगवा चुके हैं। उन्होंने पहला स्माग टावर पिछले साल तीन जनवरी को लाजपत नगर में, दूसरा 12 नवंबर को गांधी नगर में और तीसरा 24 नवंबर को कृष्णा नगर में लगवाया था। बावजूद इसके आप सरकार झूठी वाहवाही लूटने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि प्रदूषण से लड़ना दिल्ली सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। यही कारण है कि पिछले सात वर्षों से सर्दियों में राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक हो जाता है।