Delhi Traffic Free: अब सीएम आवास से किंग्सवे कैंप तक का सफर आसान, इन इलाकों को जाम मुक्त कराने की तैयारी
दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास से मॉल रोड होते हुए किंग्सवे कैंप तक का सफर अब जाम मुक्त होने जा रहा है। इस 4 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 11 ट्रैफिक सिग्नल हैं जिससे अक्सर जाम लगता है। अब इस मार्ग को सिग्नल मुक्त करने और यू-टर्न व्यवस्था बनाने की योजना है। इससे न केवल यातायात सुचारू होगा बल्कि ईंधन की बचत प्रदूषण में कमी और अपराध में भी कमी आएगी।

अजय राय, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री आवास से माल रोड़ होते हुए किंग्सवे कैंप के बीच सड़क मार्ग सिग्नल मुक्त करने की तैयारी है। इस मार्ग को जाम मुक्त करने के साथ यहां यू-टर्न व्यवस्था के लिए योजना बनाई गई है। महज चार किमी लंबे इस मार्ग पर छोटे बड़े 11 ट्रैफिक सिग्नल हैं।
इसके लिए उत्तरी रेंज के डीसीपी ट्रैफिक ने केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) को संयुक्त निरीक्षण करने के लिए पत्र लिखा है। इससे यातायात जाम में राहत मिल सकती है।
राजधानी पाश इलाके से दिल्ली विश्वविद्यालय होते हुए किंग्सवे कैंप जाने वाले इस मार्ग पर हमेशा यातायात रहता है। हर थोड़ी थोड़ी दूरी पर लाल बत्ती होने से जाम लंबी लंबी कतारें लगती रहती है। इसे सुचारू बनाने के लिए योजना तैयार की गई है। उत्तरी रेंज के यातायात पुलिस उपायुक्त ने सीआरआरआई को भेजा है।
चार किमी लंबे मार्ग पर 11 ट्रैफिक सिगन्न
सुगम व सुरक्षित यातायात के लिए काम करने वाले एनजीओ गुरु हनुमान सोसायटी आफ भारत के राष्ट्रीय महासचिव डा अतुल रंजीत कुमार ने बताया कि इस चार किमी लंबे मार्ग पर 11 ट्रैफिक सिगन्न हैं, जिसमें सीएम आवास, विधानसभा, सिविल लाइंस थाना, खैबर पास, मॉल रोड, डीएमआरसी ऑफिस, डीयू कैंपस मोड़, जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन।
प्रबिना पी, डीसीपी
यहां पर हैं ट्रैफिक सिग्नल
- सीएम आवास
- विधानसभा
- सिविल लाइंस थाना
- खैबर पास
- मॉल रोड
- डीएमआरसी ऑफिस
- डीयू कैंपस मोड़
- जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन।
खालसा कॉलेज, हकीकत नगर, किग्सवे कैंप में यातायात को नियंत्रित करने के लिए सिग्नल हैं। इन सभी सिग्नल को खत्म कर 14 से 15 छोटे-बड़े यूटर्न बनाने की योजना है।
इससे वाहनों की गति भले कम हो सकती है, लेकिन जाम की समस्या बेहद कम हो जाएगी। बता दें कि इस स्ट्रेच पर कई महत्वपूर्ण संस्थान स्थित हैं। यहां विधानसभा, डीयू कैंपस समेत रिहायशी इलाके भी हैं, जिससे भीड़भाड़ रहती है।
सीआरआरआइ के मुख्य विज्ञानी डा. वेलुमुरुगन ने कहा कि उन्होंंने एनजीओ व ट्रैफिक पुलिस के साथ पहले काम करके रोहिणी इलाके में सड़क को सिग्नल मुक्त करने के लिए काम किया है। इस स्ट्रेच पर बातचीत के बाद अध्ययन किया जाएगा। सड़क पर यूटर्न बनाने के लिए वहां की स्थिति को देखने के बाद अपना सुझाव देंगे।
यू-टर्न व्यवस्था के लाभ
यातायात जाम से निजात, समय, ईंधन व धन की बचत, प्रदूषण में कमी, छीना-झपटी, पंक्चर गिरोह, ठक-ठक गिरोह, बाल भिक्षावृत्ति, भिक्षावृत्ति आदि अपराध में कमी, सड़क दुर्घटनाओं व रोड़रेज आदि घटनाओं में कमी आ सकती है।
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