Move to Jagran APP

Nirbhaya Case 2012: फांसी के तख्ते के और करीब पहुंचे निर्भया के गुनहगार, उल्टी गिनती शुरू

Nirahaya case निर्भया केस में चारों दोषियों के पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल करने के लिए 7 दिन का समय है वरना दोषियों को फांसी की सजा देने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 03:35 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 08:41 AM (IST)
Nirbhaya Case 2012: फांसी के तख्ते के और करीब पहुंचे निर्भया के गुनहगार, उल्टी गिनती शुरू
Nirbhaya Case 2012: फांसी के तख्ते के और करीब पहुंचे निर्भया के गुनहगार, उल्टी गिनती शुरू

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Delhis Nirahaya case :  देश को झकझोर देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म कांड के गुनहगार फांसी के तख्ते के और करीब पहुंच गए हैं। सुप्रीम कोर्ट पहले ही दोषियों की तरफ से दायर की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज कर चुका है। अब दोषी सिर्फ राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका के जरिये उन्हें माफ किए जाने पर ही फांसी के फंदे से बच सकते हैं, अन्यथा उनकी मौत की सजा तय है।

loksabha election banner

तिहाड़ जेल प्रशासन ने दोषियों को 29 अक्टूबर को इस संबंध में नोटिस देकर बता दिया कि उनके पास फांसी की सजा को रोकने के लिए राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर करने के लिए 5 नवंबर तक का समय है। जेल प्रशासन ने सभी आरोपियों को नोटिस को हंिदूी व अंग्रेजी में पढ़कर सुनाया था और इसका वीडियो भी बनाया गया था। जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि यदि दोषियों की ओर से दया याचिका दायर नहीं की जाती है तो जेल प्रशासन पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर चारों कैदियों के नाम से डेथ वारंट जारी करने की मांग करेगा।

नोटिस से जुड़ी प्रक्रिया के बाद चारों कैदियों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इसके अलावा कड़ी निगरानी रखी जा रही है। यह नोटिस उन सभी जेल अधीक्षकों को जारी की गई है जिनमें दोषी बंद हैं। जेल प्रशासन के अनुसार अभी तक किसी भी दोषी की ओर से जेल प्रशासन को इस बात की सूचना नहीं दी गई है कि उनकी ओर से दया याचिका दायर की गई है। गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 को वसंत विहार इलाके में दरिंदों ने युवती से चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था। वारदात के बाद उसे और उसके दोस्त को चलती बस से फेंक दिया था। युवती को बचाने के लिए दिल्ली से सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी।

जेल प्रशासन के अनुसार चारों कैदी में यदि किसी भी एक कैदी ने दया याचिका दायर कर दी तो अंतिम फैसला होने तक सभी कैदियों की फांसी टाली जा सकती है। हालांकि दया याचिका का लाभ केवल उसी कैदी को मिलेगा जिसकी ओर से याचिका दायर होगी। उधर इस मामले में अक्षय, पवन व विनय के अधिवक्ता एपी सिंह का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई लिखित नोटिस नहीं मिला है। नोटिस मिलते ही जेल प्रशासन को वे अपना जवाब सौंप देंगे।

सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है पुनर्विचार याचिका

वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म मामले में बंद दोषियों में मुकेश अक्षय कुमार सिंह, विनय शर्मा व पवन गुप्ता शामिल है। इनमें मुकेश व अक्षय तिहाड़ जेल संख्या-दो में, विनय शर्मा जेल संख्या-चार में और पवन कुमार मंडोली परिसर स्थित जेल संख्या-14 में बंद है। जेल प्रशासन के अनुसार मुकेश, विनय व पवन द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है। वहीं चौथे दोषी अक्षय कुमार ने उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की थी। इस मामले में राम सिंह नामक एक आरोपित ने जेल में खुदकशी कर ली थी। वहीं एक नाबालिग बाल सुधार गृह में तीन वर्ष तक रहने के बाद छोड़ा जा चुका है।

16 दिसंबर को ही दी जाए दरिंदों को फांसी

निर्भया की मां ने जेल प्रशासन की तरफ से निर्भया के गुनहगारों को फांसी के फंदे तक ले जाने की प्रक्रिया को शुरू करने का का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि करीब एक वर्ष से पटियाला हाउस कोर्ट में वे इस बात को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं कि आखिर इस मामले में दोषियों को फांसी क्यों नहीं दी जा रही है। यह सुनवाई अभी भी चल रही है। भले ही सुनवाई अभी चल रही है, लेकिन इस बीच जेल प्रशासन द्वारा जारी किया यह नोटिस मन को थोड़ी तसल्ली जरूर दे रहा है। उम्मीद कर सकती हूं कि इस मामले में दोषियों को फांसी देने की प्रक्रिया में अब और विलंब नहीं होगा। मैं तो उम्मीद करती हूं कि 16 दिसंबर के दिन ही दोषियों को फांसी के तख्ते पर लटकाया जाए ताकि समाज में बेटियों पर बुरी नजर रखने वाले लोगों के बीच एक संदेश जाए।

उन्होंने कहा कि जिस दिन भी दोषियों को फांसी के तख्ते पर चढ़ाया जाएगा उस दिन मेरी बेटी की आत्मा को थोड़ी बहुत तसल्ली जरूर मिलेगी। मुङो उस दिन का बेसब्री से इंतजार है जब चारों दोषियों को उनके किए की सजा मिलेगी। मैं तब तक संघर्ष जारी रखूंगी जब तक ऐसा हो नहीं जाता।

घटनाक्रम

  • 16 दिसंबर 2012 वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म व हत्या की कोशिश को अंजाम दिया गया
  • 29 दिसंबर, 2012 को इलाज के दौरान सिंगापुर के अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई
  • मार्च 2013 में मुख्य आरोपित बस चालक राम सिंह ने तिहाड़ में की खुदकशी कर ली
  • सितंबर 2013 में निचली अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई
  • मार्च 2014 में हाईकोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी
  • दिसंबर 2015 में नाबालिग दोषी सुधार गृह से रिहा हुआ
  • मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भी फांसी की सजा बरकरार रखी
  • जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज

चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने वालों पर कांग्रेस-BJP की टेढ़ी नजर, बनाया ये प्लान

इंसानियत शर्मसार : रेलवे स्टेशन पर 4 घंटे निर्वस्त्र बेहोश पड़ी रही लड़की, पास से गुजरते रहे लोग

दिल्ली-NCR की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.