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    चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने वालों पर कांग्रेस-BJP की टेढ़ी नजर, बनाया ये प्लान

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 01 Nov 2019 08:23 AM (IST)

    पहले हर कोण से भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ने के कारणों की जांच होगी। इसके बाद उन पर गाज गिरेगी जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया है।

    चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने वालों पर कांग्रेस-BJP की टेढ़ी नजर, बनाया ये प्लान

    रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। Haryana Assembly Election 2019: हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद संख्या बल के कारण भारतीय जनता पार्टी के सामने खड़ी हुई जननायक जनता पार्टी से गठबंधन की मजबूरी से फिलहाल उन लोगों को राहत मिली हुई है, जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया है। मंत्रिमंडल का गठन होने के बाद भाजपा परिणाम की विस्तृत समीक्षा करेगी। पहले बारीकी से जांच होगी। इसके बाद उन लोगों पर आंच आएगी, जिन्होंने भितरघात किया है। कांग्रेस भी इसी तरह की तैयारी में जुटी है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा की तरह कांग्रेस भी चुनाव परिणाम की समीक्षा करेगी और भितरघात करने वालों पर कार्रवाई करेगी।

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    सूत्रों के अनुसार, शपथ ग्रहण के तुरंत बाद पार्टी बारीकी से सीटें कम मिलने पर मंथन करेगी। पार्टी के सामने कई अहम सवाल है। इनमें से एक यह है कि भाजपा की दक्षिण हरियाणा में चली लहर जाट बेल्ट में घुसते ही क्यों ठहर गई? कई जिलों में भाजपा की आंधी चली, जबकि कुछ जिलों में हवा का झोंका तक नहीं आया। इन तमाम सवालों को लेकर पार्टी की ओर से एक-एक सीट की बारीकी से समीक्षा होगी। पहले हर कोण से पिछड़ने के कारणों की जांच होगी। इसके बाद उन पर गाज गिरेगी, जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया है।

    सूत्रों के अनुसार पार्टी पहले विधानसभा प्रभारियों व चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की रिपोर्ट पर मंथन करेगी। इसके बाद मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष व संगठन मंत्री मिलकर प्रदेश स्तर पर मिलने वाले फीडबैक को अंतिम रूप देंगे और एक रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी जाएगी। संबंधित सांसदों व संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से भी फीडबैक लिया जाएगा।

    दक्षिण में बढ़ी भाजपा की ताकत

    प्रदेश के दूसरे हिस्सों की तुलना में दक्षिण हरियाणा में भाजपा की ताकत पहले से बढ़ी है। यहां के छह जिलों महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम व नूंह की 23 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने इस बार 15 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि दो सीटें निर्दलीयों के खाते मे गई है। कांग्रेस को इन 23 सीटों में से केवल छह सीटें मिली है। हालांकि पिछली बार दक्षिण हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र में शामिल गुरुग्राम, रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ जिले की सभी 11 सीटों पर भाजपा अपना कब्जा बरकरार नहीं रख पाई तथा तीनों जिले की एक-एक सीट गंवा दी, परंतु पलवल जिले की तीनों व फरीदाबाद जिले की छह में से 4 सीट जीतकर भाजपा ने यह साबित किया है कि इस बार भी दक्षिण हरियाणा के छह में से पांच जिलों में उसकी आंधी चली है।

    मेवात के नूंह जिले में बेशक भाजपा को एक भी सीट नसीब नहीं हुई, परंतु मत प्रतिशत में भारी इजाफा करके भाजपा ने मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी स्वीकार्यता को साबित कर दिया। जाकिर हुसैन जैसे बड़े नेता आज अगर भाजपा के साथ हैं तो इसके मायने अहम हैं।

    सुभाष बराला (प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा भाजपा) के मुताबिक, चुनाव परिणामों के बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल व अन्य वरिष्ठ नेताओं के सामने सरकार गठन की व्यस्तता रही है। पार्टी में हार के कारणों का हर स्तर पर मंथन होगा। एक-एक सीट का फीडबैक लिया जाएगा। पहले जांच तो होने दें। कार्रवाई की बात बाद में आएगी।

    कांग्रेस भी करेगी जांच

    भाजपा की तरह कांग्रेस भी चुनाव परिणाम की समीक्षा करेगी। भितरघात करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना भी है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने जागरण से बातचीत में कहा कि अगर अनुशासन का डर नहीं दिखाया गया तो पार्टी को आगे भी नुकसान झेलना पड़ेगा, इसलिए पार्टी को कमजोर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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