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    यमुना में प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को NGT की फटकार, तीन राज्यों से चार हफ्ते में मांगा जवाब

    By Vineet Tripathi Edited By: Sonu Suman
    Updated: Sun, 14 Jan 2024 05:25 PM (IST)

    दिल्ली में दूषित यमुना को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यमुना के 76 प्रतिशत दूषित होने के लिए अकेले दिल्ली जिम्मेदार है। एनजीटी ने दिल्ली सरकार को घेरेते हुए कहा कि यमुना नदी गंगा की सबसे बड़ी और दूसरी सबसे बड़ी सहायक नदी है और दिल्ली में गैर-शोधित सैकड़ों मैट्रिक लीटर टन (एमएलडी) सीवेज सीधे यमुना में डाला जा रहा है।

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    यमुना में प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को NGT की फटकार।

    विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। दिल्ली में दूषित यमुना को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यमुना के 76 प्रतिशत दूषित होने के लिए अकेले दिल्ली जिम्मेदार है। एनजीटी ने दिल्ली सरकार को घेरेते हुए कहा कि यमुना नदी गंगा की सबसे बड़ी और दूसरी सबसे बड़ी सहायक नदी है और दिल्ली में गैर-शोधित सैकड़ों मैट्रिक लीटर टन (एमएलडी) सीवेज सीधे यमुना में डाला जा रहा है।

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    एनजीटी ने पूर्व में दिए गए आदेश पर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल की गई रिपोर्ट पर सवाल उठाया। एनजीटी ने कहा कि रिपोर्ट में प्रत्येक नालों द्वारा सीधे यमुना में डाले जा रहे गैर शोधित सीवेज समेत अन्य जरूरी व तथ्यात्मक जानकारी नहीं दी गई है।

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    एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्त प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य सुधीर अग्रवाल, पर्यावरण सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि रिपोर्ट में यह बताया जाना चाहिए कि दिल्ली समेत अन्य राज्यों में प्रत्येक नाला से कितना शोधित-गैरशोधित पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है।

    मामले में अगली सुनवाई 13 फरवरी को

    एनजीटी ने कहा कि दिल्ली में 11 जिले हैं और यमुना नदी के पुनरुद्धार के लिए जिलावार दृष्टिकोण अपनाया जा सकता है। एनजीटी ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि चार सप्ताह में उक्त तथ्यों पर नई रिपोर्ट दाखिल की जाए। मामले में अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी। एनजीटी 17 अक्टूबर को मामले पर सुनवाई के बाद आठ बिंदुओं पर रिपोर्ट दाखिल करने का दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया था।

    विस्तृत रिपोर्ट पेश करने काे निर्देश

    एनजीटी ने साथ ही राज्यों व दिल्ली द्वारा दाखिल किए गए गथ्यों को सत्यापित कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को निर्देश दिया था। साथ ही मामले में सीपीसीबी की रिपोर्ट अगली सुनवाई पर रिकार्ड पर पेश करने का निर्देश दिया। यमुना के पुनरुद्धार को लेकर निजामुद्दीन वेस्ट एसोसिएशन द्वारा दायर आवेदन पर एनजीटी सुनवाई कर रही है।

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