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    कोर्ट ने कहा- ट्रायल अभी चल रहा है और मुख्य गवाहों के बयान दर्ज तक नहीं हुए, जमानत देना न्यायहित में नहीं

    Updated: Tue, 08 Jul 2025 05:06 PM (IST)

    दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने 60 लाख रुपये की लूट के मामले में आरोपी अमित कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने मामले की गंभीरता और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका को देखते हुए यह फैसला सुनाया। आरोपी पर बंदूक की नोक पर लूट का आरोप है और उसके पास से कुछ लूटी हुई रकम भी बरामद हुई है।

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    60 लाख रुपये की लूट मामले में आरोपी अमित कुमार की जमानत याचिका खारिज

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 60 लाख रुपये की लूट के एक गंभीर मामले में तीस हजारी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आरोपित अमित कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोपी पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की विभिन्न धाराओं और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज है।

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    'आरोपित को जमानत देना न्यायहित में नहीं' 

    अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिल्पी जैन ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले की गंभीरता, आंशिक रिकवरी, और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका को देखते हुए इस समय जमानत देना उपयुक्त नहीं होगा। अदालत ने कहा कि ट्रायल अभी प्रारंभिक चरण में है और मुख्य गवाहों के बयान अभी दर्ज होने बाकी हैं। ऐसे में आरोपित को जमानत देना न्यायहित में नहीं होगा।

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    बंदूक की नोक पर 60 लाख की लूट

    आरोपित पर आरोप है कि 28 अप्रैल को शाम करीब चार बजे शिकायतकर्ता से बंदूक की नोक पर 60 लाख रुपये की लूट की गई थी। आरोपित की ओर से पेश अधिवक्ता हर्षिल गुप्ता ने अदालत में दलील दी कि अमित कुमार को झूठा फंसाया गया है और वह एक मई से न्यायिक हिरासत में है।

    अधिवक्ता ने ये भी दलील दी कि मित कुमार अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य है और वारदात के समय वह रोहिणी में मौजूद था। इसके अलावा, उसका नाम प्राथमिकी में नहीं है और पुलिस हिरासत की अब कोई आवश्यकता नहीं है।

    10.5 लाख रुपये की लूट की राशि की बरामद

    वहीं, अतिरिक्त लोक अभियोजक ने पुलिस जांच अधिकारी के साथ मिलकर याचिका का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि आरोपित का नाम सह आरोपित के साथ कई मामलों में सामने आ चुका है और उसके पास से 10.5 लाख रुपये की लूट की राशि की बरामदगी हुई है।

    अभियोजन पक्ष ने यह भी आशंका जताई कि अगर आरोपित को जमानत दी जाती है, तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है और सुबूतों से छेड़छाड़ की संभावना है।

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