देह व्यापार में फंसी बच्चियों को मिलेगी नई दिशा, खत्म होगा काली कोठरियों का अंधेरा
शिक्षा मित्र शहर के रेड लाइट एरिया, असंगठित क्षेत्रों में सक्रिय लड़कियों तक अपनी पहुंच बनाएंगे। प्रत्येक शिक्षा मित्र शैक्षिणिक सत्र का आयोजन करेगा
नई दिल्ली [शैली खुल्लर]। देह व्यापार में फंसने और फिर वहां से निकलने वाली लड़कियों को शिक्षा देने के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक प्रोजेक्ट को तैयार किया है। जिसके तहत शहर भर में शिक्षा मित्रों को नियुक्त किया जाएगा। शिक्षा मित्र ऐसी बच्चियों को एकत्रित कर कक्षाओं का आयोजन करेंगे।
प्रोजेक्ट में 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों को शामिल किया गया है। अभी तक इन बच्चियों को कोठों से छुड़वा लिया जाता है। रेस्क्यू टीम छुड़वाने की कार्रवाई को पूरा करने के बाद इन बच्चियों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी में पेश कर शेल्टर होम या नारी निकेतन भेज देती है। इसके बाद स्थाई तौर पर ऐसा कोई काम नहीं किया जाता। जिससे यह लड़कियां अपने भविष्य को सुधार सकें।
आयोग सदस्य यशवंत जैन ने कहा कि काफी समय से समाज के इस वर्ग को लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा था। जिसे अब कानूनी सलाहकारों और विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया गया है। इसके लिए उन संगठनों से भी संपर्क किया जाएगा जो ऐसी लड़कियों के बीच सक्रिय हैं।
कैसे काम करेगा प्रोजेक्ट
शहर मेें नियुक्त होने वाले शिक्षा मित्र तीन चरणों में काम करेंगे। शिक्षा मित्र शहर के रेड लाइट एरिया, असंगठित क्षेत्रों में सक्रिय इन लड़कियों तक अपनी पहुंच बनाएंगे। इसके अलावा तीसरे चरण में उन बच्चियों को शामिल करेंगे जो देह व्यापार में सक्रिय युवतियों-महिलाओं के साथ एक ही छत के नीचे रह रही हैं।
पहले कक्षाओं का आयोजन फिर होगा स्कूलों में एडमिशन
15 से 30 के ग्रुप में इन बच्चियों के साथ प्रत्येक शिक्षा मित्र शैक्षिणिक सत्र का आयोजन करेगा। करीब तीन माह तक यह कक्षाएं मुहैया करवाने के बाद इन बच्चियों का एडमिशन शिक्षा मित्र ही करवाएंगे।
संगठन भी करेंगे स्वागत यदि होता है ऐसा प्रयास
देह व्यापार महिलाओं के लिए काम कर रही भारतीय पतिता उद्धार सभा का कहना है कि ऐसा कोई प्रयास होता है तो इसका स्वागत करेंगे। क्योंकि अभी तक इन गतिविधियों को समस्या तो बताया जाता है पर इसका हल नहीं निकाला जाता।
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