Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi News: स्थाई समिति के अभाव में सफाई प्रभावित, अब निगम करेगा छह माह का अनुबंध

    By Nihal Singh Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 07 May 2025 10:29 PM (IST)

    दिल्ली नगर निगम स्थायी समिति के गठन में देरी के कारण मध्य और पश्चिमी जोन में कचरा उठाने वाली एजेंसियों के अनुबंध समाप्त हो रहे हैं जिससे सफाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है। निगम ने अस्थायी समाधान के लिए छह महीने के लिए एजेंसी नियुक्त करने का प्रस्ताव तैयार किया है जिसके लिए एलजी से नगर आयुक्त की शक्तियां बढ़ाने का अनुरोध किया गया है।

    Hero Image
    स्थायी समिति न होने पर अब छह माह का अनुबंध करेगा निगम। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति का गठन न होने से दिल्ली के नागरिकों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं पर असर पड़ रहा है। इसके चलते दिल्ली की सफाई व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।

    एलजी से शक्तियां बढ़ाने का प्रस्ताव

    इसके चलते मध्य व पश्चिमी जोन में कूड़ा उठाने वाली एजेंसियों के अनुबंध समाप्त होने से भी निगम को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अब निगम ने इस समस्या का अस्थायी समाधान निकालने के लिए दो प्रोजेक्ट बनाकर एलजी से नगर आयुक्त की शक्तियां बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रस्ताव के तहत मध्य व पश्चिमी जोन में कूड़ा, मलबा, बागवानी अपशिष्ट व नाले से गाद उठाने के लिए छह माह के लिए एजेंसी नियुक्त की जाएगी। जो न्यूनतम छह माह तक काम करेगी और स्थायी समिति का गठन होने तक काम करती रहेगी।

    निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मध्य जोन के 25 वार्डों से कूड़ा कलेक्शन का ठेका दो साल पहले खत्म हो गया था। एमसीडी कंपनी से अनुनय-विनय कर काम करवा रही है। जबकि पश्चिमी जोन के कूड़ा कलेक्शन का ठेका 30 जून को खत्म हो जाएगा।

    छह माह का अनुबंध करेगी निगम

    ऐसे में दोनों जोन की समस्या का समाधान करने के लिए एमसीडी ने छह-छह महीने के लिए एजेंसी नियुक्त करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें एक जोन को 22 करोड़ और दूसरे जोन को 45 करोड़ रुपये खर्च करने हैं। लेकिन नगर निगम आयुक्त के पास इन योजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार नहीं है।

    नगर निगम आयुक्त पांच करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को ही मंजूरी दे सकते हैं। इसलिए निगम की शक्ति बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके लिए मेयर राजा इकबाल सिंह ने अग्रिम मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव के तहत एलजी नगर निगम आयुक्त को इन दोनों परियोजनाओं को मंजूरी देने और लागू करने का अधिकार देंगे।

    गौरतलब है कि मध्य जोन में 25 वार्ड हैं, जिनमें डिफेंस कॉलोनी, जंगपुरा, दरियागंज, लाजपत नगर जैसे इलाके शामिल हैं। जबकि पश्चिमी जोन में 24 वार्ड हैं। इसमें पंजाबी बाग, जनकपुरी, तिलक नगर और राजौरी गार्डन जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

    यह भी पढ़ें: रेलवे कर्मचारी आपातकालीन स्थितियों से कैसे निपटेंगे? मॉक ड्रिल से परखी गई क्षमता