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    MCD के पूर्व इंजीनियर दोषी करार, 15 अवैध संपत्तियों को लेकर किया था ये बड़ा खेल

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 11:21 AM (IST)

    राउज एवेन्यू कोर्ट ने एमसीडी के पूर्व सहायक अभियंता विजय कुमार जैन को धारा-217 के तहत दोषी ठहराया। जैन पर आरोप है कि उन्होंने अवैध निर्माण से जुड़ी 15 संपत्तियों पर कार्रवाई रोकने के लिए फाइलें दबाईं जबकि दिल्ली हाईकोर्ट का कार्रवाई का निर्देश था। अदालत ने अभियोजन पक्ष के सबूतों के आधार पर उन्हें दोषी माना और सजा पर बहस के लिए सोमवार की तारीख तय की है।

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    कानून की अवहेलना पर एमसीडी पूर्व सहायक अभियंता दोषी करार।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारतीय दंड संहिता की धारा-217 के तहत किसी व्यक्ति को दंड या संपत्ति जब्ती से बचाने के इरादे से लोक सेवक द्वारा कानून की अवहेलना करने पर राउज एवेन्यू की मजिस्ट्रेट अदालत ने एमसीडी के एक पूर्व सहायक अभियंता विजय कुमार जैन को दोषी करार दिया है।

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    अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निशांत गर्ग ने कहा कि सहायक अभियंता ने अवैध निर्माण से जुड़ी 15 संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई रोकने की फाइलें अपने पास रखीं, जबकि एमसीडी को इन संपत्तियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करने और चार महीने के भीतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने संबंधी 11 अप्रैल 2005 के दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश की जानकारी थी।

    अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी के अपराध को संदेह के परे साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत दिए हैं। ऐसे में आरोपी को दोषी ठहराया जाता है। अदालत ने सजा पर बहस के लिए सोमवार की तिथि निर्धारित की है। आरोपी विजय जैन के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने मामला दर्ज किया था।

    आरोप है कि पश्चिमी पंजाबी बाग इलाके में 15 संपत्तियों के मालिकों पर जुलाई 2004 में एमसीडी ने अनधिकृत निर्माण के लिए मामला दर्ज किया था, लेकिन तत्कालीन सहायक अभियंता विजय जैन ने संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई को रोकने के लिए फाइलें अपने पास रख लीं।

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    अदालत ने यह निष्कर्ष निकाला कि आरोपी ने जानबूझकर 15 फाइलें अपने पास रखी थी, जबकि वह जानता था कि संपत्तियों के संबंध में ध्वस्तीकरण नोटिस जारी करने के आदेश पारित हो चुके थे।

    अदालत ने कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट से पता चलता है कि आरोपी ने आपराधिक कदाचार किया है और 15 संपत्तियों के मालिकों को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया है।

    मजिस्ट्रेट ने कहा कि जैन के साथ एमसीडी के अन्य अधिकारियों और 15 संपत्ति मालिकों को भी प्राथमिकी में आरोपित बनाया गया है। सीबीआई ने जैन और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी की थी। अदालत ने जुलाई 2018 में जैन के खिलाफ आइपीसी की धारा 217 के तहत आरोप तय किए थे।