Delhi: फिल्मों में नहीं दिखेंगे दिल्ली के कूड़े के पहाड़, MCD ने तैयार की फिल्म शूटिंग पॉलिसी; जल्द किया जाएगा मंजूर
दिल्ली नगर निगम ने लैंडफिल साइट पर फिल्म की शूटिंग की अनुमति न देने का निर्णय लिया है। इसके लिए दिल्ली नगर निगम ने एकीकृत फिल्म शूटिंग पॉलिसी तैयार की है जिसे अगामी सदन की बैठक में रखा जाएगा। पूर्वकालिक निगमों के एकीकरण के बाद एकीकृत फिल्म शूटिंग नीति को लागू किया जाएगा। इसके तहत पूर्वकालिक निगमों के अलग-अलग शुल्कों को एकीकृत किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों को लेकर चर्चा और दिल्ली की फजीहत देशभर में होती है। ऐसे में निगम ने इन लैंडफिल पर फिल्म की शूटिंग की अनुमति न देने का निर्णय लिया है। इसके लिए दिल्ली नगर निगम ने एकीकृत फिल्म शूटिंग पॉलिसी तैयार की है। जिसे अगामी सदन की बैठक में रखा जाएगा।
निगम के प्रेस एवं सूचना निदेशालय के प्रस्ताव के तहत पूर्वकालिक निगमों के एकीकरण के बाद एकीकृत फिल्म शूटिंग नीति को लागू किया जाएगा। इसके तहत पूर्वकालिक निगमों के अलग-अलग शुल्कों को एकीकृत किया जाएगा। साथ ही सबसे बड़े बदलाव के तौर पर कूड़े के पहाड़ यानि लैंडफिल पर फिल्म की शूटिंग की इजाजत नहीं दी जा सकेगी।
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चूंकि दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने का कार्य चल रहा है। यहां पर बड़ी मात्रा में मशीनें लगाई गई है, जिसके हाईपावर बिजली के तार भी बिछाए हुए हैं। इतना ही नहीं बार-बार यहां पर आग लगने की घटनाएं भी होती है। इसे देखते हुए हमने फिल्म शूटिंग के शुल्कों के लिए एकीकृत निति में लैंडफिल पर फिल्म शूटिंग की इजाजत न देने का निर्णय लिया है। नीति के मंजूर होने के बाद यहां पर किसी प्रकार की इजाजत नहीं दी जा सकेगी। हालांकि इसके आस-पास के इलाकों में फिल्म शूटिंग की इजाजत पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
ये भी पढ़ें- Delhi Crime: कर्जदाताओं को फंसाने के लिए शख्स ने खुद पर चलवाई गोली, भतीजे के खुलासों से पुलिस रह गई हैरान
शूटिंग के लिए तीन श्रेणियां बनाई गई
बुधवार को होने वाली सदन की बैठक के प्रस्ताव के तहत प्रतिदिन के हिसाब से इजाजत का शुल्क तय कर रखा था। लेकिन, अब इसे तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। इससे फिल्म शूटिंग की इजाजत का शुल्क भी कम हो जाएगा। इससे लोगों को फिल्म शूटिंग दिल्ली में करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
इसमें आठ घंटे की फिल्म शूटिंग लिए 15 हजार रुपये लगेंगे। जबकि 24 घंटे की शूटिंग की इजाजत के लिए 25 हजार रुपये लगेंगे। 25 हजार रुपये की सुरक्षा जमा राशि जमा करने होगी। दो हजार रुपये का प्रशासनिक शुल्क लगेगा। पूर्वकालिक निगमों यह शुल्क 75 हजार रुपये का शुल्क था।
शुल्क कम होने से शूटिंग को मिलेगा प्रोत्साहन
पूर्वकालिक उत्तरी निगम में प्रशासनिक शुल्क दो हजार तो दक्षिणी और पूर्वी निगम में यह शुल्क 10-10 हजार रुपये था। जबकि पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर लैंडफिल पर फिल्म शूटिंग का शुल्क दो लाख रुपये प्रतिदिन था। जबकि 25 हजार रुपये की सुरक्षा जमा राशि करनी होती थी। निगम इलाके में सालभर में 30 फिल्म की शूटिंग की इजाजत का आवेदन औसतन आता है। निगम का मानना है कि शुल्क कम होने से ज्यादा लोग दिल्ली में फिल्म शूटिंग के लिए प्रोत्साहित होंगे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।