Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में 'आप' को खलेगी स्टार प्रचारकों की कमी, इन चेहरों पर है सारा दारोमदार
आप इस लोकसभा चुनाव में पंजाब में गठबंधन में नहीं है जबकि दिल्ली चंडीगढ़ हरियाणा गुजराज गोवा में कांग्रेस के साथ गठबंधन में है। आम आदमी दिल्ली में चार गुजरात की दो लोकसभा सीट भरूच और भावनगर पर लड़ रही है। हरियाणा में एक सीट कुरुक्षेत्र से पार्टी लड़ रही है। ये ऐसे राज्य रहे हैं जहां खासकर केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया की डिमांड रही है।

वी के शुक्ला, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के लिए यह लोकसभा चुनाव प्रचार के मामले में सबसे चुनौतीपूर्ण हो गया है। पिछले लोकसभा चुनाव तक पार्टी के पास जिन स्टार प्रचारकों की लंबी लिस्ट होती थी, वह इस बार नहीं है। दिल्ली सहित पांच राज्यों में कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ रही आप को पार्टी के बड़े चेहरों में शामिल पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया व राज्यसभा संजय सिंह की जरूरत है, मगर ये जेल में हैं।
खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है। लगातार समन भेज रही ईडी आम आदमी पार्टी का तनाव बढ़ा रही है। ऐसे हालातों में आप फूंक फूंक कदम रख रही है। आप सभी आशंकाओं को देखते हुए आगे बढ़ रही है। हालांकि आप के पास केजरीवाल के अलावा भगवंत मान, संदीप पाठक जैसे नेता मौजूद हैं, जो चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
आप इस लोकसभा चुनाव में पंजाब में गठबंधन में नहीं है, जबकि दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, गुजराज, गोवा में कांग्रेस के साथ गठबंधन में है। आम आदमी दिल्ली में चार, गुजरात की दो लोकसभा सीट भरूच और भावनगर पर लड़ रही है। हरियाणा में एक सीट कुरुक्षेत्र से पार्टी लड़ रही है। ये ऐसे राज्य रहे हैं, जहां खासकर केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया की डिमांड रही है। मगर जमीनी स्थिति की बात करें तो आबकारी घोटाले मामले में सिसोदिया और संजय सिंह के जेल में होने के बाद केजरीवाल चुनाव प्रचार में अकेले पड़ गए हैं।
मान पर पंजाब में प्रचार की जिम्मेदारी
ईडी के समन व कोर्ट की टिप्पणी से केजरीवाल की मुश्किल भी बढ़ रही है। इससे भी पार्टी के सामने की चुनौती।इधर राघव चड्ढा पहले की तरह सक्रिय नहीं दिख पा रहे हैं। भगवंत मान को लेकर केजरीवाल दूसरे राज्यों में प्रचार करते रहे हैं। मान के लिए पंजाब में सभी सीटों पर चुनाव प्रचार की भी बड़ी जिम्मेदारी रहेगी। ले देकर आप के पास दिल्ली में केजरीवाल के अलावा आतिशी और सौरभ भारद्वाज जैसे नेता हैं, जो दिल्ली की राजनीति से लेकर राष्ट्रीय मुद्दों तक हर मंच पर आगे खड़े दिख रहे हैं।
संदीप पाठक पर्दे के पीछे और आगे कर रहे मेहनत
पार्टी में संदीप पाठक ऐसा नाम हैं जो पर्दे के सामने की जगह पर्दे के पीछे ही ज्यादा काम करते रहे हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से पार्टी के मंच पर सक्रियता दिखा रहे हैं। हवाला मामले में जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की भले ही पार्टी के बड़े चेहरा के रूप में पहचान न हो, मगर पिछले लोकसभा चुनाव तक वह दूसरे राज्यों में पार्टी के लिए जनसभाओं को संबोधित करते रहे हैं। इससे भी पार्टी को मदद मिलती रही है।
बहरहाल पिछले चुनावों की बात करें तो आप अभी तक तक दो लोकसभा चुनाव लड़ी है, 2014, 2019 के बाद अब 2024 तीसरा चुनाव है।2014 में केजरीवाल स्वयं बनारस जाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने चुनाव लड़े थे। मगर हार जाने के बाद उन्होंने 2019 में उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा है।
आप बनी राष्ट्रीय पार्टी
अगर हम 2014 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करें तो तब और अब में अंतर यह है कि अब आप राष्ट्रीय पार्टी बन गई है, मगर पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने वाले कई नेता पार्टी से बाहर हो गए हैं या बाहर कर दिए हैं। इसमें बड़े नेताओं में अंतिम बार 2018 में पार्टी छोड़ने वालों में नेता आशीष खेतान रहे हैं। इससे कुछ समय पहले ही आशुतोष ने आप छोड़ दी थी। कुमार विश्वास भी आप से दूरी बना चुके हैं।
शांति भूषण ने एक करोड़ के दिए थे चंदे
इससे पहले 2015 में आप के संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण को पार्टी से निकाल दिया गया था और शाजिया इल्मी ने पार्टी से नाता तोड़ लिया था।इसके बाद पार्टी के गंभीर चेहरों में से एक प्रो. आनंद कुमार ने पार्टी से पूरी बना ली थी। आप से पूर्व विधायक विनोद बिन्नी और पूर्व कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा भी आप से बाहर जाने वालों में शामिल हैं।प्रशांत भूषण के पिता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील शांति भूषण ने आप की स्थापना के समय एक करोड़ की राशि चंदे के रूप में दी थी।
दो राज्यों में आप की पूर्ण बहुमत की सरकार
हालांकि जल्द ही उनका भी पार्टी से मोहभंग हो गया था और वो आम आदमी पार्टी से अलग हो गए थे।वैसे इन नेताओं के बाहर हो जाने के बाद पार्टी आगे बढ़ी है। आज दो राज्यों में आप की पूर्ण बहुमत की सरकार है। गुजराज, गोवा में आप के विधायक हैं, दिल्ली, चंडीगढ़ और मध्यप्रदेश में आप में आप की मेयर हैं।मगर पहले के चार की जगह लोकसभा सांसद एक बचे हैं।
भ्रष्ट होते तो भाजपा में शामिल होते: AAP
उधर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि यह आम लोगों की पार्टी है। हम में से कोई भी राजनैतिक परिवार से नहीं आता। हमारा प्रचार दिल्ली की जनता करती है, जिनकी सेवा करने का मौका हमें भगवान ने बार बार दिया है।आप ने कहा है कि हम सब बाबा साहेब अंबेडकर और भगत सिंह के सपने को पूरा करने के लिए साथ आए हैं।हमारी पार्टी में चपे-चपे पर आपको अरविंद केजरीवाल मिलेंगे।आप ने कहा है कि हमारे नेता अपनी ईमानदारी की सज़ा भुगत रहे हैं, भ्रष्ट होते तो भाजपा में शामिल हो कर साफ हो जाते।

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