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Delhi Weather Update: जानिये- दिल्ली में कब पहुंचेगा मानसून और कब मिलेगी चिलचिलाती गर्मी से राहत

Delhi Weather Update मौसम विज्ञानियों ने पूर्वानुमान किया है कि यास तूफान (Cycloe Yaas) से दिल्ली में इस बार मानसून 27 जून की जगह 11 से 19 जुलाई के बीच पहुंच सकता है। ऐसे में भीषण गर्मी का सामना करने वाले दिल्ली-यूपी और हरियाणा के लोगों को परेशानी होगी।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 01:20 PM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 01:20 PM (IST)
Delhi Weather Update: जानिये- दिल्ली में कब पहुंचेगा मानसून और कब मिलेगी चिलचिलाती गर्मी से राहत
Delhi Weather Update: जानिये- दिल्ली में कब पहुंचेगा मानसून और कब मिलेगी चिलचिलाती गर्मी से राहत

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। पश्चिमी विक्षोभ और टाक्टे तूफाने के चलते दिल्ली-एनसीआर के करोड़ों लोगों को मई महीने में न तो तेज थूप का सामना करना पड़ा और न ही लू चली। हालांकि, मई महीना खत्म होने को लेकर, ,लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिया होगा, जिससे गर्मी और लू से राहत मिल जाएगी। वहीं, जून में पड़ने वाली गर्मी और चिलचिलाती धूप से राहत पाने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा सकता है।

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दिल्ली में देर से शुरू होगी बारिश

मौसम विज्ञानियों ने पूर्वानुमान में जाहिर किया है कि यास तूफान  (Cycloe Yaas) के कारण  देश की राजधानी में दिल्ली में इस बार मानसून 27 जून की जगह 11 से 19 जुलाई के बीच पहुंच सकता है। ऐसे में भीषण गर्मी का सामना करने वाले दिल्ली-यूपी और उत्तर प्रदेश के करोड़ों लोगों को परेशानी होनी तय है।

मौसम विज्ञानियों की मानें तो टाक्टे तूफान तो बेअसर रहा, लेकिन यास तूफान मानसून की रफ्तार रोकेगा और जाहिर तौर पर इसका असर पूरे भारत पर पड़ेगा और इसी कड़ी में दिल्ली में भी देर से बारिश शुरू होगी। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ सालों से लगातार देरी से मानसून की बारिश होती है, लेकिन इस बार लगता है घोषित रूप से देरी से बारिश होगी। इस बार देरी से बारिश की वजह बनेगा यास तूफान।

मौसम विज्ञानियों की मानें तो यास तूफान दक्षिणी पश्चिमी मानसून की रफ्तार को प्रभावित कर सकता है। मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक, आगामी 31 मई को मानसून के केरल में दस्तक देने की संभावना है लेकिन यास तूफान के कारण शुरुआती दिनों में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती गतिविधियां मानसून को प्रभावित कर सकतीं हैं। वहीं, मध्य भारत में भी यास तूफान की वजह से मानसून दो सप्ताह तक देरी से पहुंच सकता है।

टाक्टे तूफान नहीं लगा पाया मानसून पर ब्रेक

पिछले सप्ताह सक्रिय हुए टाक्टे तूफान ने भले ही गुजरात, महाराष्ट्र पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में भारी तबाही मचाई हो, लेकिन टाक्टे तूफान मानसून एक्सप्रेस की रफ्तार पर कोई ब्रेक नहीं लगा पाया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. एम महापात्रा ने पिछले दिनों कहा था कि टाक्टे तूफान और दक्षिणी पश्चिमी मानसून की दस्तक में करीब दो सप्ताह का अंतराल रहा है। यही अंतराल इस दिशा में फायदेमंद साबित हुआ है।

केरल में जल्द सक्रिय होगा मानसून

बता दें कि मानसून के आगमन की पूर्व निर्धारित तिथि एक जून है, वहीं इस बार मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि यह 31 मई तक ही केरल पहुंच जाएगा। जहां तक टाक्टे तूफान की बात है तो इसका असर पिछले सप्ताह ही पूरी तरह खत्म हो गया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अगर टाक्टे तूफान मई के अंतिम सप्ताह में आता तो अवश्य ही यह मानसून की दस्तक को प्रभावित कर सकता था। वहीं, मानसून को प्रभावित करने का काम यास तूफान करेगा।

इस बार सामान्य होगा बारिश

मौसम विभाग और स्काईमेट वेदर पहले ही इस तरह का पूर्वानुमान कर चुके हैं कि इस साल मानसून की बारिश सामान्य से अच्छी होगी। देश में 75 फीसद बारिश दक्षिण पश्चिम मानसून के कारण होती है। दीर्घावधि के हिसाब से इस बार औसत बारिश 98 फीसद तक होगी। हालांकि इसमें पांच फीसद की कमी या इजाफा हो सकता है। दिल्ली में भी सामान्य बारिश होने के आसार हैं।

वहीं, दिल्ली में मानसून की दस्तक का समय 27 जून है। इसी के साथ साथ यह हरियाणा के कुछ हिस्सों और पंजाब में भी उपस्थिति दर्ज करा देता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसकी धमक दिल्ली से थोड़ा पहले ही हो जाती है जबकि उत्तरी राजस्थान में यह जुलाई के पहले सप्ताह तक आ जाता है।  

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वहीं, मानसून को लेकर डॉ. जेपीएस डबास (प्रधान कृषि विज्ञानी, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) का कहना है कि अच्छी फसल के लिए बारिश की हल्की फुहारें भी वरदान से कम नहीं होती। सामान्य मानसून के बीच अगर इसकी अवधि थोड़ी लंबी होती है तो यह किसानों के लिए फायदेमंद है। भले ही बारिश तेज हो या हल्की। उम्मीद की जा सकती है कि इस बार का मानसून खेतीबाड़ी के लिए अच्छा रहेगा।

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