Aishwarya: 'पैरेंट्स पर बोझ नहीं बनना चाहती थी ऐश्वर्या' आत्महत्या को लेकर मां ने किए कई सनसनीखेज खुलासे
Aishwarya Reddy ऐश्वर्या सिविल सेवाओं के लिए भी तैयारी कर रही थीं। दिल्ली में रहने के दौरान अगर वह कमरा किराये पर लेकर दिल्ली में रहतीं तो पढ़ाई व कोचिंग का कुल खर्च प्रतिमाह 50 हजार रुपये होता जिसे परिवार किसी भी तरीके से वहन करने में सक्षम नहीं था।
नई दिल्ली। Aishwarya Reddy: देश की होनहार छात्राओं में शुमार ऐश्वर्या की मौत दरअसल, प्रतिभा की मौत है। ऐश्वर्या को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए था। ऐश्वर्या मां ने सोमवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये मीडिया से बातचीत की। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में ऐश्वर्या शादनगर स्थित घर आ गई थी। इसके बाद कॉलेज से छात्रावास खाली करने का नोटिस आया था, जिसके बाद ऐश्वर्या ने 40 हजार रुपये मांगे थे और कहा था कि वे दिल्ली जाकर सिविल सेवा की तैयारी जारी रखना चाहती है। वहीं, परिवार पहले ही एक बार दो लाख रुपये लोन एवं बाद में एक लाख रुपये गोल्ड लोन ले चुका था। ऐसे में आगे की पढ़ाई के लिए और पैसे का प्रबंध करने में परिवार सक्षम नहीं था। उधर, ऐश्वर्या सिविल सेवाओं के लिए भी तैयारी कर रही थीं। दिल्ली में रहने के दौरान अगर वह कमरा किराये पर लेकर दिल्ली में रहतीं तो पढ़ाई व कोचिंग का कुल खर्च प्रतिमाह 50 हजार रुपये होता जिसे परिवार किसी भी तरीके से वहन करने में सक्षम नहीं था।
छोड़ना चाहती थीं दिल्ली
मां ने बताया कि ऐश्वर्या अक्सर कहती थीं कि वे दिल्ली के कॉलेज से पढ़ाई छोड़कर शादनगर में ही किसी कॉलेज में दाखिला ले लेंगी, लेकिन उन्हें इस बात की हिचकिचाहट भी रहती थी कि यदि लेडी श्रीराम कॉलेज को छोड़कर आएंगी तो लोग उनपर हंसेंगे। शायद इसी वजह से ऐश्वर्या ने जिंदगी जीने और मुश्किलों से लड़ने की बजाय मौत को गले लगा लिया।
यहां पर बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में बीएससी ऑनर्स (गणित) द्वितीय वर्ष की छात्र ऐश्वर्या ने परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के चलते पढ़ाई में आ रही चुनौतियों से तंग आकर आत्महत्या कर ली। मूलत: तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले की निवासी ऐश्वर्या के पिता श्रीनिवास रेड्डी ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी ऐश्वर्या दिल्ली में पढ़ाई के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा की भी तैयारी कर रही थी। दो नवंबर को उसने घर में फांसी लगाकर जान दी दी। सुसाइड नोट में उसने लिखा कि वह अपनी पढ़ाई के लिए माता-पिता पर बोझ नहीं बनना चाहती।
पिता श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि उनकी बेटी ने 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए थे जिसके आधार पर उसे डीयू के के प्रतिष्ठित कॉलेज में प्रवेश मिला था। वहीं, ऐश्वर्या रेड्डी की मां सुमति रेड्डी ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से इंस्पायर फेलोशिप मिलनी थी, लेकिन अब तक नहीं मिली है। उन्होंने केंद्र सरकार से उनकी दूसरी बेटी की पढ़ाई में मदद करने की मांग भी की है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन
नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के सफदरजंग रोड स्थित आवास के बाहर प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय प्रभारी रुचि गुप्ता ने कहा कि यदि समय रहते फेलोशिप दी होती तो ऐश्वर्या की मौत नहीं होती।
वहीं, लेडी श्रीराम कॉलेज की प्राचार्या सुमन कुमार ने कहा कि ऐश्वर्या ने कभी परेशानी साझा नहीं की। छात्रावास सिर्फ प्रथम वर्ष की छात्राओं को ही अलॉट होता है, कॉलेज की काउंसलर छात्राओं से बात करती रहती हैं। ऐश्वर्या ने परेशानी साझा की होती तो जरूर मदद की गई होती।
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