जानें- क्यों जानलेवा हो जाती है किडनी की बीमारी, जिससे जूझ रहे हैं बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव
Lalu Prasad Yadav Health किडनी की बीमारी के लक्षण उस वक्त उभरकर सामने आते हैं जब किडनी 60 से 65 प्रतिशत डैमेज हो चुकी होती है। इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है इसलिए समय रहते इसके लक्षणों की पहचान किया जाना बहुत जरूरी होता है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें रांची से दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है। लालू को सांस लेने में परेशानी की बात सामने आ रही है। इस बीच यह भी जानकारी सामने आई है कि उनकी किडनी सिर्फ 25 फीसद काम कर रही है। आइये जानते हैं कि क्यों और कैसे होती है कि किडनी संबंधित परेशानी, जिससे जूझ रहे हैं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव। दिल, फेफड़े, लिवर की तरह ही किडनी शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। इसके खराब होने से जिंदगी और मौत के बीच फासला कम होने लगता है। उचित समय पर इलाज और किडनी ट्रांसप्लांट नहीं होने की स्थिति में मरीज की मौत तक हो जाती है।
किडनी रक्त में मौजूद पानी और व्यर्थ पदार्थों को अलग करने का काम करती है। इसके अलावा शरीर में रासायनिक पदार्थों का संतुलन, हॉर्मोन्स छोड़ना, रक्तचाप नियंत्रित करने में भी सहायता प्रदान करती है। बदलती लाइफस्टाइल व काम के बढ़ते दबाव के कारण लोग जंकफूड व फास्ट फूड का सेवन ज्यादा करने लगे हैं। इसी वजह से लोगों की खाने की प्लेट से स्वस्थ व पौष्टिक आहार गायब होते जा रहे हैं। किडनी के रोगों को दूर करने के लिए कुछ प्राकृतिक उपायों की मदद लेना बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
किडनी की बीमारी के कारण
हर साल किडनी की बीमारी के चलते लाखों लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं, लेकिन सबसे खतरनाक बात यह है कि अधिकतर लोगों को इसकी जानकारी तब होती है जब बहुत देर हो चुकी होती है। दरअसल किडनी की बीमारी के लक्षण उस वक्त उभरकर सामने आते हैं, जब किडनी 60 से 65 प्रतिशत डैमेज हो चुकी होती है। इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है, इसलिए समय रहते इसके लक्षणों की पहचान किया जाना बहुत जरूरी होता है।
किडनी शरीर का एक ऐसा अंग होता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को छानकर यूरीन के माध्यम से शरीर से बाहर निकालता है। लेकिन डायबिटीज जैसी बीमारियों, खराब जीवनशैली और कुछ दवाओं के कारण किडनी के ऊपर बुरा प्रभाव पड़ता है।
शुगर-बीपी से खराब होती है किडनी
डायबिटीज और ब्लड प्रेशर किडनी फेल होने के सबसे बड़े कारण हैं। डायबिटीज के 30 से 40 प्रतिशत मरीजों की किडनी खराब होती है। इनमें से 50 प्रतिशत मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें बहुत देर से इस बीमारी का पता चलता है और फिर उन्हें डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट करवाना पड़ता है।
कम पानी पीना
पानी हमारे शरीर की जरुरत है। पानी कम पीने से किडनी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। किडनी खून साफ करती है और खराब चीजों को शरीर से अलग करती है जिसमें पानी की बड़ी भूमिका है। अगर आप पानी कम पियेंगे तो टॉकिन्स छनने के बजाय आपके शरीर में इकट्ठा होने शुरू हो जाएंगे।
अधिक नमक का सेवन
कुछ लोग जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन करते हैं। शायद वो नहीं जानते कि उनकी ये आदत उनकी किडनी की सेहत पर कितनी भारी पड़ सकती है। अधिक नमक लेने से शरीर में सोडियम बढ़ता है जिससे ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है। इससे किडनी पर बल पड़ता है। इसलिए दिन में 5 ग्राम से अधिक नमक का सेवन न करें।
यूरीन को रोकना
कुछ लोगों की आदत होती है कि वो यूरीन या पेशाब को रोक कर रखते हैं। यूरीन या पेशाब के प्रैशर को रोकना भी किडनी से संबंधित समस्याओं को बढ़ा देता है। इस गलत आदत से किडनी में पत्थरी या किडनी फेल होने जैसी दिक्कत भी हो जाती है।
बेतरतीब लाइफस्टाइल के साथ कम नींद लेना
जरूरत से कम नींद लेने से भी किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। नींद के दौरान किडनी की कोशिकाओं में पहुंचने वाली क्षति की भरपाई होती है। नींद न लेने से मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित होता है और किडनी फिट नहीं रहती, इसलिए कोशिश करें कि भरपूर नींद लें।
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