Kisan Andolan: राकेश टिकैत के एक बयान से फिर बढ़ी दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों की चिंताएं, जानिए क्या कहा?
केंद्रीय कृषि मंत्री से कई दौर की बातचीत भी हुई मगर कोई नतीजा नहीं निकला। अब इतना समय बीत जाने के बाद कई किसान नेता ये भी कह रहे हैं कि वो सरकार से बातचीत के लिए तैयार है। किसान बातचीत के लिए आए ही नहीं।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के एक बयान ने फिर से दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों की चिंताएं बढ़ा दी है। जब से दिल्ली की सीमाओं पर दिल्ली पुलिस ने अपने बैरिकेड हटाने शुरु किए हैं उसके बाद से ही किसान नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही है। किसानों को अब ये डर सता रहा है कि उनको बार्डर खाली करके जाना होगा। वो 11 माह से अपनी जिस मांग को लेकर यहां पर धरना दे रहे हैं वो अभी तक पूरी नहीं हुई है।
केंद्रीय कृषि मंत्री से कई दौर की बातचीत भी हुई मगर कोई नतीजा नहीं निकला। अब इतना समय बीत जाने के बाद कई किसान नेता ये भी कह रहे हैं कि वो सरकार से बातचीत के लिए तैयार है। इससे पहले वो ये कहते रहते थे कि वो बातचीत के लिए तैयार हैं मगर सरकार बात ही नहीं करना चाहती जबकि सरकार की ओर से हमेशा यही कहा गया कि किसानों से बातचीत के रास्ते हमेशा से ही खुले हुए हैं।
दरअसल किसानों के आंदोलन की वजह से दिल्ली की सीमाओं पर कई प्रमुख रास्ते बंद पड़े हैं, इसको लेकर अब लोग सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुके हैं। इस आंदोलन की वहां सुनवाई हो रही है। कोर्ट भी कह चुका है कि कोई हमेशा के लिए रास्तों को नहीं बंद कर सकता है। कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद किसान नेता राकेश टिकैत व अन्य ने कहा कि उन्होंने कोई रास्ता नहीं बंद कर रखा है, रास्ता दिल्ली पुलिस ने बंद किया हुआ है। उसके बाद दिल्ली पुलिस ने अपने बैरिकेड हटाने शुरु कर दिए।
अब राकेश टिकैत ने फिर से स्पष्ट किया है कि प्रदर्शनकारी सीमा छोड़कर नहीं जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि 26 नवंबर तक केंद्र सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी तो गांवों से प्रदर्शनकारी ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन स्थलों पर पहुंचेंगे और पक्की किलेबंदी करेंगे। इससे पहले जब 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर के साथ दिल्ली की सड़कों पर हुड़दंग किया था वो किसी से छिपा नहीं है।
अब फिर से ट्रैक्टर के साथ किसानों की किलेबंदी की घोषणा ने दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। उस दौरान तो दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड आदि लगाकर इन ट्रैक्टरों को रोक दिया था, अब इनको हटा लेने के बाद ट्रैक्टरों को रोकना मुश्किल हो जाएगा। टिकैत की इस घोषणा के बाद अब दिल्ली पुलिस को किसानों के ट्रैक्टरों को दिल्ली में प्रवेश से रोकने के लिए नए तरीके से सोचना होगा।
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