अंतरराज्यीय वाहन चोरों का रैकेट पकड़ा, 100 किमी तक पीछा कर दबोचा, दुबई में बैठकर चुराईं दिल्ली की कारें
दिल्ली पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। मुख्य आरोपी अमनदीप सिंह को 100 किलोमीटर पीछा करके मुरथल से गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने पुलिसकर्मियों को चोरी की फॉर्च्यूनर से टक्कर मारने की कोशिश की। पुलिस ने आरोपी के पास से चोरी की लग्जरी कारें बरामद की हैं जिनमें दो क्रेटा और एक किआ सेल्टोस शामिल हैं। आरोपी पहले भी 9 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय जिला आट्स/AATS और थाना रंजीत नगर की संयुक्त टीम ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का खुलासा किया है। इस ऑपरेशन में गिरोह के सक्रिय सदस्य अमनदीप सिंह का 100 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद उसे हरियाणा के मुरथल में दबोचा गया। आरोपी ने पकड़े जाने के दौरान चोरी की लग्जरी फॉर्च्यूनर कार से पुलिसकर्मियों को टक्कर मारने की भी कोशिश की। हालांकि, इसमें कोई घायल नहीं हुआ।
100 किमी का पीछा, मुरथल में गिरफ्तारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 11 अगस्त की रात गुप्त सूचना के आधार पर आट्स और थाना रंजीत नगर की टीम ने दिल्ली से पंजाब की ओर जा रहे आरोपी का पीछा शुरू किया। मुरथल टोल पर पुलिस ने उसे घेरने की कोशिश की, लेकिन उसने जानलेवा हमला करने की नीयत से गाड़ी पुलिस पर चढ़ाने का प्रयास किया। इसके बाद वह गाड़ी छोड़कर खेतों में छिप गया। घंटों की तलाशी और घेराबंदी के बाद आट्स टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
चोरी की लग्जरी कारें बरामद
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी के समय एक चोरी की फॉर्च्यूनर कार बरामद की गई है। आरोपी के कहने पर पंजाब से तीन और लग्जरी कारें जिनमें दो क्रेटा और एक किआ सेल्टोस भी बरामद की गई है। इस ऑपरेशन में तकनीक का भी सहारा लेना पड़ा।
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पहले से 9 आपराधिक मामले दर्ज
बता दें कि 29 जुलाई 2025 को पांडव नगर स्थित डीडीए फ्लैट्स के पास गिरधारी मार्ग पर एक इनोवा कार के चोरी हो जाने की एफआईआर रंजीत नगर थाने में दर्ज की गई थी। जांच में पंजाब के अमृतसर के कुख्यात चोर अमनदीप सिंह की पहचान हुई, जो पहले 9 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। उसकी गिरफ्तारी से हत्या के प्रयास और वाहन चोरी के कुल 5 मामले सुलझा लिए गए हैं।
हाई-टेक चोरी का अनोखा तरीका
गिरोह का मोडस ऑपरेंडी जानकर पुलिस भी हैरान रह गई। चोर पहले लग्जरी कारों के सुरक्षा सिस्टम को तबाह करते थे। फिर वे कार के पिछले विंडशील पर लगे होलोग्राम की तस्वीर लेते, जिसमें सिक्योरिटी कोड होता था। यह तस्वीर दुबई में बैठे तकनीकी विशेषज्ञ को भेजी जाती, जो सिस्टम को अनलॉक कर नया कोड भेजता था। इसके बाद चोर शीशा तोड़कर नई मशीन से गाड़ी स्टार्ट करते और फरार हो जाते। अमनदीप सिंह का काम चोरी की गाड़ियों को दिल्ली से पंजाब पहुंचाना था। अब पुलिस उससे पूछताछ कर रही है ताकि अंतरराज्यीय गैंग के सभी कनेक्शन के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सके।
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