Indian Railway News: शताब्दी ट्रेनों की सुरक्षा पर खड़े हुए सवाल, एक सप्ताह में तीन दुर्घटनाओं से बढ़ी चिंता
लगभग एक सप्ताह में देहरादून शताब्दी व लखनऊ शताब्दी में आग लगने और पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस के उल्टी दिशा में चलने से यात्रियों के साथ ही रेल प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। जहां रेल से चलने वाले यात्री चिंतित हैं वहीं रेलवे भी परेशान है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। लगभग एक सप्ताह में देहरादून शताब्दी व लखनऊ शताब्दी में आग लगने और पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस के उल्टी दिशा में चलने से यात्रियों के साथ ही रेल प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। इन घटनाओं में किसी तरह का जान माल का नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन इससे शताब्दी ट्रेनों के रखरखाव और सुरक्षित सफर को लेकर सवाल जरूर खड़े होते हैं। तीनों मामले में ट्रेनें दिल्ली से रवाना हुईं थी। शनिवार को लखनऊ शताब्दी एक्सप्रेस तो नई दिल्ली से रवाना होने के बाद गाजियाबाद पहुंचते ही दुर्घटना की शिकार हो गई।
पार्सल में प्रतिबंधित वस्तुओं की बुकिंग की मनाही है
लखनऊ शताब्दी में पार्सल वैन में आग लगी। आशंका व्यक्त की जा रही है कि पार्सल वैन में ज्वलनशील पदार्थ होने से आग तेजी से भड़की है। उसमें सैनिटाइजर व अन्य ज्वलनशील पदार्थ होने की बात कही जा रही है। इससे ट्रेनों से सामान भेजने की व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं। पार्सल में प्रतिबंधित वस्तुओं की बुकिंग की मनाही है, लेकिन पैकेट की जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। बगैर स्कैनिंग के सामान बुक कर ट्रेन में चढ़ा दिया जाता है। इसका फायदा असामाजिक तत्व उठा सकते हैं। कई बार प्रतिबंधित वस्तुएं बरामद भी हुई हैं।
ट्रेन में आग लगने के कारण
तकनीकी व बाहरी कारणों से ट्रेनों में आग लगने की घटना होती है। शार्ट सर्किट, एक्सल का लाक होने जैसे तकनीकी खामियों से ट्रेन के इंजन या कोच में आग लग जाती है। वहीं, यात्रियों के पटाखे या अन्य ज्वलनशील पदार्थ लेकर सफर करने, धूमपान करने, तोड़फोड़ की घटनाओं जैसे बाहरी कारणों से भी आग लग जाती है। 13 मार्च को रायवाला स्टेशन के नजदीक देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस में आग लगने का कारण भी धूमपान बताया जा रहा है।
आग की घटनाएं रोकने को उठाए गए कदम
यार्ड से ट्रेनों की तकनीकी खामी दूर करने के बाद ही प्लेटफार्म पर लाने का निर्देश है। शार्ट सर्किट से बचने के लिए रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक चार्जिंग प्वाइंट में बिजली आपूर्ति नहीं की जाती है। इसके साथ ही रेल परिसर व ट्रेन में धूमपान करने पर प्रतिबंध है। पटाखे व अन्य अन्य ज्वलनशील पदार्थ ट्रेन से ले जाना दंडनीय अपराध है। वातानुकूलित श्रेणी में पर्दे भी हटाए गए हैं।
चलेगा अग्नि शमन प्रशिक्षण अभियान
देहरादून शताब्दी में आग लगने के बाद रेलवे बोर्ड ने सभी क्षेत्रीय रेलवे को ट्रेन में चलने वाले कर्मचारियों को आग रोकने का प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया है। इसके लिए 15 दिनों का विशेष अभियान चलेगा। ट्रेन में तैनात कर्मचारियों को अग्निशमन उपकरण चलाने व अन्य जरूरी प्रशिक्षण दिए जाएंगे।