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IIT की खोज: स्मार्ट इलेक्ट्रिकल स्कूटर की बड़ी खूबियां, जानकर दंग रह जाएंगे आप

स्मार्ट इलेक्ट्रिकल स्कूटर खुद बताएगा कि उसमें क्या खराबी आने वाली है। साथ ही स्कूटर चलते-चलते बची हुई बैटरी के बारे में संकेत देगा।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 08:33 AM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 03:55 PM (IST)
IIT की खोज: स्मार्ट इलेक्ट्रिकल स्कूटर की बड़ी खूबियां, जानकर दंग रह जाएंगे आप

नई दिल्ली [ जेएनएन ]। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानुपर के पूर्व छात्र समेत आइआइटी के कुछ छात्रों ने मिलकर एक ऐसा स्मार्ट इलेक्ट्रिकल स्कूटर तैयार किया है। जो खुद बताएगा कि उसमें क्या खराबी आने वाली है। साथ ही स्कूटर चलते-चलते बची हुई बैटरी के बारे में संकेत देगा।

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इससे वाहन चालक यह समझ सकेगा कि अब कितने किलोमीटर का सफर बची हुई बैटरी से तय किया जा सकता है। आइआइटी कानपुर से वर्ष 2013 में इंजीनियरिंग कर चुके पीयूष असाती ने इस स्मार्ट इलेक्ट्रिकल स्कूटर को आइआइटी दिल्ली के निकेश, शिवराम, अल्तमश, प्रणय के साथ मिलकर आइआइटी दिल्ली के इंक्यूबेशन सेंटर में तैयार किया है।

इसे बतौर स्टार्टअप शुरू करते हुए वेकमोकॉन टेक्नालॉजी नाम दिया गया है। इस स्कूटर को शनिवार को ओपन हॉउस में प्रदर्शित किया गया। स्मार्ट इलेक्ट्रिकल स्कूटर को लेकर पीयूष ने बताया कि हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्मार्ट टेक्नालॉजी बना रहे हैं।

इस प्रोजेक्ट में हमने ऐसे सेंसर और साफ्टवेयर लगाए हैं, जो बैटरी की क्षमता, उपभोग क्षमता के बारे में चालक को बताएंगे। जिससे वह बैटरी की दूरी तय करने की क्षमता के बारे में जान सकेंगे। स्कूटर में आने वाली खराबी कब और किस हिस्से में आएगी यह सेंसर और साफ्टवेयर बताने में भी सक्षम हैं।

उन्होंने बताया कि इस स्मार्ट इलेक्ट्रिकल स्कूटर की तकनीक पर कई दिग्गज दोपहिया वाहन कंपनियां भी टेस्टिंग कर चुकी हैं। पीयूष ने बताया कि इस तकनीक को पेटेंट कराने पर काम चल रहा है, उम्मीद है कि इसे जल्द बाजार में लाया जाएगा। सार्वजनिक शौचालयों में महिलाओं को संक्रमण से बचाएगा गुफ्री सार्वजनिक शौचालयों में गंदगी होने के कारण कई बार महिलाएं इन्हें उपयोग नहीं करती है।

तो कई बार उपयोग करने के बाद उन्हें यूरिनल संक्रमण से गुजरना पड़ता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए आइआइटी दिल्ली मास्टर ऑफ डिजाइनिंग के छात्र ऋषभ और जर्नादन राज ने बतौर स्टार्टअप शुरू करते हुए गुफ्री (फीमेल यूरिनरी डिवाइस) तैयार की है।

इसकी मदद से महिलाएं शौचालय से सीधे संपर्क में ना रहते हुए शौचालय का प्रयोग कर सकेंगी। इस डिवाइस के बारे में ऋषभ ने बताया कि पैडमैन फिल्म व सार्वजनिक शौचालयों को लेकर उनके परिचितों के अनुभव के बाद उनके बाद ये डिवाइस को बनाने ख्याल आया था।

जिसको उनके प्रोफेसर एसके एट्रेया ने प्रोत्साहित किया। ऋषभ ने बताया कि यह डिवाइस महिलाओं के हित में होने के साथ-साथ स्वच्छ भारत के लिए भी उपयोगी है। जिसे जल्द ही बाजार में लाने की तैयारी है।


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