IGI Airport: टर्मिनल दो पर अत्याधुनिक सुविधाओं का होगा विकास, भविष्य के लिए किया जाएगा तैयार
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 का कायाकल्प होने जा रहा है। करीब चार दशक पुराने इस टर्मिनल को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। पुनर्निर्माण के बाद यहां यात्रियों को बोर्डिंग ब्रिज स्वचालित डॉकिंग प्रणाली अत्याधुनिक डिस्प्ले बोर्ड स्मार्ट वाशरूम और बेहतर फायर फाइटिंग सिस्टम जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इस बदलाव का मकसद बढ़ती घरेलू उड़ानों की संख्या को देखते हुए टर्मिनल 2 की क्षमता बढ़ाना है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। करीब चार दशक पुराने आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 समय के हिसाब से विकसित किया जाएगा। आईजीआई एयरपोर्ट संचालन से जुड़ी एजेंसी डायल का कहना है कि भविष्य की जरूरत के हिसाब से सुविधाओं के विकास के लिए इस वर्ष टर्मिनल 2 को चार से छह महीने के लिए बंद करना पड़ेगा। इस बीच यहां से संचालित होने वाली उड़ानें टर्मिनल 1 से संचालित होंगी।
डायल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा कि चार दशक पुराने टर्मिनल का पुनर्निर्माण समय की आवश्यकता है। यह पुनर्निर्माण मुख्य बुनियादी ढांचे को उन्नत करने, संचालन की दक्षता में सुधार करने और यात्रियों के आराम को बढ़ाने से समग्र अनुभव को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगा।
उन्होंने कहा कि टर्मिनल की यात्री क्षमता वित्तीय वर्ष 2025-26 तक अपनी चरम सीमा तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में ये सुधार घरेलू यात्रियों के बढ़ते हवाई यात्रा की मांग का समर्थन करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
क्या होगा बदलाव
अभी दिल्ली के तीनों टर्मिनलों में सबसे पुराना टर्मिनल दो ही है। पुनर्निर्माण के बाद यहां भी टर्मिनल 1 व 3 के समान यात्रियों को बोर्डिंग ब्रिज की सुविधा मिलेगी। बोर्डिंग ब्रिज से वायुयान के डाकिंग के लिए देश में पहली बार यहां स्वचालित डाकिंग प्रणाली का विकास किया जाएगा। इससे डॉकिंग के दौरान बोर्डिंग ब्रिज व विमान की दूरी व ऊंचाई के बीच समन्वय पूरी तरह स्वचालित होगा।
अत्याधुनिक डिस्प्ले बोर्ड में यात्री उड़ानों की समय सारिणी देख सकेंगे। स्मार्ट वाशरूम विकसित होगा। टर्मिनल की सीलिंग को बदला जाएगा। फर्श को भी नए तरीके से विकसित किया जाएगा। टर्मिनल के फायर फाइटिंग सिस्टम को भी दुरुस्त किया जाएगा।
टर्मिनल के फोरकोर्ट एरिया में आकर्षक केनोपी की सुविधा होगी। नए नए साइनेज बोर्ड लगेंगे। एयरसाइड में भी बदलाव होगा। एप्रन एरिया को अत्याधुनिक तकनीक व जरुरतों के हिसाब से विकसित किया जाएगा।
बदलाव क्यों है जरूरी
देश में घरेलू उड़ानों की संख्या बढ़ रही है। नए नए एयरपोर्ट बन रहे हैं। नए बन रहे एयरपोर्ट से उड़ानों का जुड़ाव नई दिल्ली से हर हाल में रहता है। अभी आईजीआई एयरपोर्ट से रोजाना करीब 1300 उड़ानें संचालित हो रही हैं। इस संख्या के आने वाले वित्तीय वर्ष में 1500 तक पहुंचने का अनुमान है। इसे देखते हुए ही डायल ने टर्मिनल दो को पूरी क्षमता के साथ संचालित करने का निर्णय लिया है। पुनर्निर्माण के बाद यहां से करीब 400 उड़ानें संचालित की जा सकेंगी।
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