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    IGI एयरपोर्ट पर लगाया जा रहा फुल बॉडी स्कैनर, तीन सेकंड में कर लेगा सुरक्षा जांच; अगले महीने शुरू होगा ट्रायल

    Updated: Fri, 04 Apr 2025 08:31 PM (IST)

    आईजीआई एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच अब और भी तेज और प्रभावी होगी। अत्याधुनिक फुल बॉडी स्कैनर लगाए जा रहे हैं जो केवल तीन सेकंड में स्कैन करके प्रति घंटे 1200 यात्रियों की जांच कर सकते हैं। यह तकनीक अमेरिका कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख एयरपोर्ट पर पहले से ही इस्तेमाल हो रही है। मई में शुरू होने वाले ट्रायल के बाद परिणामों के आधार पर एसओपी तैयार की जाएगी।

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    एयरपोर्ट पर लगाया जा रहा फुल बाडी स्कैनर, तीन सेकेंड में कर लेगा सुरक्षा जांच।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट आइजीआइ पर सुरक्षा जांच को तेज और प्रभावी बनाने के लिए अत्याधुनिक फुल बाडी स्कैनर लगाया जा रहा है। यह प्रक्रिया ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के उन दिशानिर्देशों के आधार पर शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य यात्रियों के लिए सुरक्षा जांच की प्रक्रिया को सुगम बनाना और इसमें लगने वाले समय की बचत करना है।

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    अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहले से ही इस्तेमाल की जा रही यह तकनीक तेजी से जांच करने में सक्षम बनाती है। प्रत्येक स्कैन में केवल तीन सेकंड लगते हैं और प्रति घंटे 1,200 स्कैन की अधिकतम क्षमता होती है। एयरपोर्ट संचालन से जुड़ी एजेंसी डायल के अनुसार शुरुआती चरण में मशीन का ट्रायल शुरू किया जा रहा है। इसके लिए टर्मिनल 1 व 3 के लिए चार अत्याधुनिक स्कैनर खरीदे गए हैं।

    डायल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार का कहना है कि आइजीआई एयरपोर्ट नवीनतम तकनीक को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि सुरक्षा बढ़ाई जा सके और यात्रियों को सहज अनुभव मिले। फुल बॉडी स्कैनर सुरक्षा जांच की प्रक्रिया को तेज करने के साथ-साथ प्रभावी बनाएंगे।

    मई में शुरू होगा ट्रायल, नतीजों के आधार पर तैयार होगी एसओपी

    उन्होंने बताया कि मई में शुरू होने वाला ट्रायल करीब तीन से चार महीने तक चलेगा। इसके बाद ब्यूरो आफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी की अगुवाई में एक समिति परिणामों का मूल्यांकन करेगी और पूर्ण कार्यान्वयन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेगी।

    व्यक्तिगत छवि नहीं होगी संग्रहित

    पारंपरिक एक्सरे स्कैनर के विपरीत, फुल बाडी स्कैनर विकिरण उत्सर्जित नहीं करते हैं, जिससे वे गर्भवती महिलाओं और चिकित्सा प्रत्यारोपण वाले व्यक्तियों सहित सभी यात्रियों के लिए सुरक्षित हो जाते हैं। यह स्कैनर विस्फोटकों सहित धातु और गैर-धातु दोनों तरह के खतरों का पता लगा लेगा, जो पारंपरिक मेटल डिटेक्टरों में काफी सुधार करते हैं।

    इस मशीन में गोपनीयता संबंधी चिंताओं को दूर करते हुए कोई व्यक्तिगत छवि संग्रहीत नहीं की जाती है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 में हैदराबाद, मुंबई, बेंगलुरु एयरपोर्ट पर सीआइएसएफ द्वारा फुल बाडी स्कैनर की टेस्टिंग की गई थी, जिसके सकारात्मक परिणामों ने इस तकनीक को व्यापक रूप से लागू करने का रास्ता खोला।

    एयरपोर्ट पर कम होगी सुरक्षा जांच की कतार

    आइजीआई एयरपोर्ट दुनिया के व्यस्त एयरपोर्ट में से एक है। यह एयरपोर्ट पिछले कुछ वर्षों में भीड़भाड़ और लंबी कतार की समस्या से जूझता रहा है। खासकर स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, वर्ष की शुरुआत, गर्मी की छुट्टी व त्योहारों के मौसम में बढ़ाई गई सुरक्षा जांच के कारण यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा था।

    इस नई तकनीक से उम्मीद है कि सुरक्षा जांच में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। डायल का कहना है कि यह कदम आइजीआइ एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल है, जो पहले ही सेल्फ-सर्विस चेक-इन और बैगेज ड्राप जैसी सुविधाओं के लिए जाना जाता है।

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