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    ...इस वजह से जन्म के बाद मां ने नहीं देखा नवजात शिशु का चेहरा, नाम पड़ा 'कन्हैया'

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Tue, 12 Dec 2017 08:14 PM (IST)

    जन्म के बाद किशोरी ने अपने पुत्र का चेहरा भी नहीं देखा। परिजनों ने लिखकर दे दिया था कि उन्हें बच्चे से कोई सरोकार नहीं है और न ही इसे वे अपने घर ले जाएंगे।

    ...इस वजह से जन्म के बाद मां ने नहीं देखा नवजात शिशु का चेहरा, नाम पड़ा 'कन्हैया'

    गाजियाबाद [आयुष गंगवार]। द्वापर युग में जन्मे कन्हैया को देवकी ने जन्म दिया था और यशोदा ने उनका पालन पोषण किया था। इसीलिए उनसे पूछा जाता है कि देवकी और यशोदा में से वह किसको अपनी माता कहकर पुकारेंगे। मगर कलयुग का कन्हैया किसको मां कहेगा, क्योंकि उसके पास तो अभी पालन-पोषण करने वाली मां भी नहीं है। जन्म देने वाली मां ने उसे छोड़ दिया है और वह अब महिला अस्पताल में बिना मां के दूध के ही पल रहा है।

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    बच्चे को चाइल्ड होम में शिफ्ट किया जाएगा

    अस्पताल से भी उसे किसी चाइल्ड होम में ट्रांसफर करने की मांग की जा रही है। ऐसे में सवाल यह है कि यह बच्चा किसको गोद मिलेगा, जिसे यह अपनी मां कह सकेगा। सीएमएस ने इस संबंध में जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) को पत्र लिखा है। डीपीओ नीलेश मिश्रा ने बताया कि सीडब्ल्यूसी की टीम जाकर बच्चे के स्वास्थ्य की जांच करेगी। इसके बाद ही बच्चे को किसी चाइल्ड होम में शिफ्ट किया जाएगा।

    जन्म देकर मां ने छोड़ दिया

    दिसंबर-2016 में नशीला पदार्थ मिलाकर साहिबाबाद निवासी एक 14 वर्षीय किशोरी का अपहरण कर लिया गया था। पुलिस की लापरवाही के चलते तीन माह तक उससे दुष्कर्म किया गया। इसी दौरान वह गर्भवती हो गई। 9 मार्च 2017 को पुलिस ने किशोरी को बरामद किया। तब तीन माह का भ्रूण उसके गर्भ में पल रहा था।

    चेहरा भी नहीं देखा

    सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन्स के मुताबिक उसका गर्भपात नहीं हो सका। इसी दौरान किशोरी ने 15 साल पूरे कर लिए और छह सितंबर को महिला अस्पताल में उसने एक लड़के को जन्म दिया। जन्म के बाद किशोरी ने अपने पुत्र का चेहरा भी नहीं देखा। इस हादसे ने किशोरी की पढ़ाई ठप करा दी और उसके साथ परिवार की भी जिंदगी भी पूरी तरह बदल गई।

    बच्चे से कोई सरोकार नहीं

    माता-पिता ने डर से छोटी बेटी की भी पढ़ाई छुड़वा दी। सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) और आशा ज्योति केंद्र की सदस्यों ने उसकी काउंसिलिंग की। परिजनों ने सीडब्ल्यूसी और अस्पताल को लिखकर दे दिया था कि उन्हें इस बच्चे से कोई सरोकार नहीं है और न ही इसे वे अपने घर ले जाएंगे।

    नर्स पुकारती हैं कन्हैया

    परिजनों के जाने के बाद बच्चे को जरूरी पोषण देने और उचित देखभाल के लिए अस्पताल में स्थित एसएनसीयू (सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में भर्ती करा दिया गया। यहां नर्सों ने उसे कन्हैया कहकर पुकारना शुरू कर दिया। अस्पताल की मैनेजर तृषा ने बताया कि कन्हैया बेहद ही प्यारा है और अस्पताल का सभी स्टाफ उससे दिन में एक बार मिलने जरूर जाता है। अस्पताल की सीएमएस डा. दीपा त्यागी ने बताया कि बच्चे की उचित देखभाल की गई है। तीन माह की उम्र होने के बाद डीपीओ को इस बारे में अवगत करा दिया गया है। 

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