किरायेदार की बात अनसुनी करना मकान मालिक को पड़ा भारी, अब सिर पर आई गिरफ्तारी की नाैबत
पश्चिमी दिल्ली के बिंदापुर इलाके में एक मकान मालिक के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। किरायेदार ने शिकायत की थी कि मकान की छत कमजोर है और प्लास्टर गिरने का खतरा है लेकिन मकान मालिक ने ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते प्लास्टर गिरने से किरायेदार और उसके साथियों को चोटें आईं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। किरायेदार की शिकायत की अनदेखी करना एक मकान मालिक को भारी पड़ गया। किरायेदार की शिकायत पर पुलिस ने प्राथमिकी करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में अभी मकान मालिक की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले की जांच जारी है।
यह मामला बिंदापुर थाना क्षेत्र का है। विकास उत्तम नगर जैन काॅलोनी में किराए के मकान में रहते हैं। इस मकान में विकास पिछले तीन वर्षों से रह रहे हैं। विकास के साथ यहां इनका साथी दीपेंद्र व अभिषेक भी रहते हैं। तीनों तीनों टैक्सी चलाते हैं।
पांच सितंबर की रात 10:30 बजे पर तीनों खाना खाकर सो गए थे। रात करीब 11:30 बजे अचानक छत के अंदर का प्लास्टर इन पर गिरा। विकास ने पुलिस को बताया कि छत पहले ही कमजोर थी। छत में दरार आ रही थी।
इसकी शिकायत कई बार मकान मालिक विजय कुमार शर्मा से कर मरम्मत करने के लिए कहा, लेकिन वे अनसुना कर देते है। हर बार वे कहते कि अगले महीने ठीक करा दूंगा। विकास ने आरोप लगाया है कि मकान मालिक विजय कुमार शर्मा की लापरवाही से यह हादसा हुआ है।
मकान मालिक विजय कुमार शर्मा की लापरवाही के कारण छत का प्लास्टर गिरने से दीपेंद्र व अभिषेक के काफी चोट आई हैं। सात सितंबर को इस घटना की शिकायत की, जिसके बाद प्राथमिकी हुई।
पुराने मकान की मरम्मत नहीं होना कई बार जानलेवा
पुराने इमारतों की मरम्मत नहीं होने के कारण कई बार इमारत का छज्जा या छत टूटने की घटना में कुछ लोग जहां घायल होते हैं, वहीं कुछ मौत के भी शिकार हो जाते हैं। जून महीने में नांगलोई थाना क्षेत्र स्थित राजेंद्र पार्क में ऐसे ही एक मामले में किराये पर रह रहे एक परिवार के बच्चे की मौत हो गई।
अग्निशमन विभाग के कर्मियों का कहना है कि मकान के ढहने की अधिकांश घटनाओं में मकान की देखरेख की अनदेखी सबसे बड़ा कारण होती है।
देखरेख नहीं होने के कारण मकान के या तो अचानक ढहने का अंदेशा रहता है या फिर सिलिंडर या एसी ब्लाॅस्ट होने की स्थिति में मकान के क्षतिग्रस्त होने की संभावना रहती है। बेहतर है कि मकान की समय समय पर देखरेख से जुड़े कार्य होते रहे।
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