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    सिविल लाइन्स-नरेला समेत दिल्ली के कई इलाकों पर डेंगू-मलेरिया का खतरा, एमसीडी कर्मियों की छुट्टियां रद

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 08:13 PM (IST)

    दिल्ली में बाढ़ के खतरे के बाद निगम ने मच्छरजनित बीमारियों से निपटने के लिए कदम उठाए हैं। निचले इलाकों में दवाओं का छिड़काव हो रहा है लोगों को जागरूक किया जा रहा है और कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। यमुना के जल स्तर में वृद्धि से प्रभावित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मलेरिया डेंगू और चिकनगुनिया के मामले नियंत्रण में हैं।

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    मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव के लिए लगाए गए अतिरिक्त कर्मचारी। जागरण

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली बाढ़ का खतरा टलने के बाद मच्छरजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है, इससे निपटने के लिए निगम ने अतिरिक्त कदम उठाए हैं। ऐसे में निचले इलाके में मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है।

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    इसके साथ ही निगम ने अतिरिक्त कर्मचारी लगा लोगों को जागरूक करने का भी कार्य शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं कोई कार्य बाधित न हो, इसके लिए पूरे शहरभर के एमसीडी के मलेरिया कर्मियों की रविवार को होने वाली छुट्टी भी रद कर दी हैं।

    अब कर्मियों को केवल आपात स्थिति में ही सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी के बाद छुट्टी मिलेगी, क्योंकि अगले माह त्योहारों का समय रहेगा। ऐसे में कर्मयों को त्योहारों पर तो छुट्टी मिलेगी, लेकिन त्योहार पर लोग बीमार न पड़े इसके लिए मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव कराना होगा।

    निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यमुना का जल स्तर बढ़ने से सर्वाधिक प्रभावित सिविल लाइन्स, सेंट्रल, नरेला और नजफगढ़ जोन, शाहदरा साउथ, शाहदरा नार्थ और सिटी एसपी जोन में समस्या आई है।

    निचले इलाकों में पानी भरने से लोग राहत शिविर कैंपों में आ गए थे। ऐसे में करीब 19 हजार लोग इससे प्रभावित हुए है। अब चूंकि पानी नीचे उतर गया है और तापमान में भी बढ़ोतरी होने लगी है, इससे मच्छरों का प्रजनन का खतरा बढ़ जाता है।

    इसलिए बाढ़ प्रभावित इलाकों में विशेष ध्यान देना शुरू किया है। जहां पर अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की गई है। हमने पिछले चार दिनों में 34 राहत शिविर कैंपों के आसपास मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव किया है।

    1346 स्थानों पर मच्छररोधी दवाएं छिड़की गई जबकि 4329 घरों में फागिंग की गई और 76 स्थानों पर बीमारियों से बचने के लिए जागरूकता संबंधी पोस्टर लगाए गए है।

    निगम अधिकारी ने बताया कि सितंबर का पहला सप्ताह होने के बाद भी राजधानी में मच्छरजनित बीमारियों के मामले नियंत्रण में है।

    उन्होंने बताया कि बीते एक सप्ताह में मलेरिया के 29 मरीजों की पुष्टि हुई है इससे मलेरिया के कुल मरीजों का आंकड़ा 252 तक ही है।

    इसी प्रकार डेंगू के बीते सप्ताह में 58 ही मरीजों की पुष्टि हुई है, इससे कुल मरीजों का आंकड़ा 557 इस वर्ष हो गया है। बीते एक सप्ताह में चिकनगुनिया के पांच नए मरीजों के साथ कुल मरीजों का आंकड़ा 42 तक पहुंच गया है।

    जो पिछले वर्षों की तुलना में कम है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अभी तक मच्छरजनित बीमारियों से किसी की मृत्यु की रिपोर्ट नहीं है।

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