दिल्ली-NCR में कई कोचिंग सेंटर अचानक क्यों हुए बंद? विवादों से घिरे FIITJEE ने दी सफाई
फिटजी के कई सेंटरों पर ताला लगने से छात्रों और अभिभावकों में हड़कंप मच गया है। संस्थान का कहना है कि यह समस्या अस्थायी है और जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। हालांकि अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। फिटजी ने साजिश की आशंका भी जताई है और छात्रों के भविष्य को प्राथमिकता देने की बात कही है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। विवादों से घिरे फिटजी (FIITJEE) का पूरे मामले पर स्पष्टीकरण सामने आया है। फिटजी की तरफ से जारी बयान से इसके छात्रों को कुछ हद तक राहत मिल सकती है। कोचिंग संस्थान ने कहा है कि यह समस्या अस्थायी है और जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। उसने आश्वस्त किया है छात्रों की पढ़ाई और उनके भविष्य को प्राथमिकता दी जाएगी।
13 प्वाइंट में जारी बयान में संस्थान ने कहा कि उसने अपने स्तर पर किसी सेंटर को बंद करने का फैसला नहीं लिया है। सेंटर के मैनेजमेंट साझीदार और उनकी टीम के अचानक पीछे हटने से किसी सेंटर ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा। कंपनी के अधिकारी सभी स्थानों पर परिचालन को फिर से शुरू करने में जुटे हैं।
FIITJEE ने जताई साजिश की आशंका
अभी तक दुर्भावनापूर्णवश केस दर्ज हुए हैं, उन पर हमारी कानूनी टीम काम कर रही है। कंपनी को इसमें साजिश की भी आशंका है। उसका कहना है कि जांच में यह सामने आ जाएगा कि कुछ लोगों ने यह षडयंत्र रचा है। सच हमेशा के लिए नहीं छिप सकता। हम अनुचति तरीके अपनाने वाले अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करेंगे। मीडिया से भी अनुरोध किया है कि वह सच को सामने लाए। कंपनी ने अपने सभी छात्रों से भरोसा बनाए रखने का आह्वान किया है।
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फिटजी का ग्रेटर नोएडा सेंटर बंद, एमडी समेत चार नामजद
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-तीन में छात्र-छात्राओं को एकेडमिक और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराने वाला फिटजी कोचिंग सेंटर भी बंद हो गया। प्रबंधन के लोग बिना सूचना 21 जनवरी को सेंटर पर ताला लगाकर फरार हो गए। अभिभावकों को फोन पर सेंटर बंद का मैसेज मिला तो पैरों तले जमीन खिसक गई। अभिभावक और छात्र-छात्राओं ने प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।
क्या बोले अभिभावक?
नॉलेज पार्क थाने में अभिभावक मनोज सिंह की शिकायत पर एमडी डीके गोयल, सीएफओ राजीव बब्बर, मनीष आनंद, ग्रेनो शाखा का हेड रमेश बटलेश व अन्य के खिलाफ मुकदमा हुआ है। उन्होंने शिकायत दी कि फिटजी सेंटर में 125 से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ते थे। बेटी सुहाना 11वी कक्षा की छात्रा है।
जेईई एडवांस की पढ़ाई के लिए वर्ष 2022 में उसका दाखिला करा दिया। चार वर्षीय पाठ्यक्रम की दो लाख 90 हजार रुपये फीस बताई गई। उन्होंने चैक से 2.80 लाख रुपये जमा किए। 2026 में उसका कोर्स पूरा होना था, लेकिन 21 जनवरी को फोन पर अचानक मैसेज आया कि फिटजी सेंटर के अध्यापक संस्थान छोड़कर चले गए हैं।
अब छात्र-छात्राओं को पढ़ाई कराने की व्यवस्था नहीं है। सेंटर को बंद कर दिया गया है। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि फिटजी के प्रबंधन ने पढ़ाई के बहाने लाखों रुपये जमा कर धोखाधड़ी की है। इससे सैंकड़ो बच्चों का भविष्य संकट में होने से सभी मानसिक रूप से परेशान हैं। उच्च अधिकारियों ने मामले की जांच उपनिरीक्षक मुरारी लाल को दी है।
पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचे कई अभिभावक
सेंटर बंद सूचना के बाद कई अभिभावकों ने थाने पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से आरोपितों को गिरफ्तार करने की मांग की। वे इतने गुस्से में थे कि कोई जल्दी से बात नहीं समझ रहा था।
एसीपी ने अभिभावकों को समझाकर मामले से संबंधित दस्तावेज और अपने बयान रिकार्ड कराने के लिए कहा। संस्थान में पढ़ाने वाले पूर्व शिक्षकों का कहना है कि उन्हें करीब वर्ष से सैलरी मिलने में दिक्कत हो रही थी। इस वजह से सभी ने दूसरे सेंटर में छात्र-छात्राओं को पढ़ाना शुरू कर दिया है।
नोएडा सेक्टर-58 थाने में भी हो चुका है मुकदमा दर्ज
सेक्टर-62 में फिट्जी सेंटर बंद होने के बाद शुक्रवार को सेक्टर-58 थाना पुलिस ने मैनेजिंग डायरेक्टर डीके गोयल, संस्थान प्रभारी रमेश बटलेश, मोनिका गोयल, पार्थ हल्दर, साधू राम बंसल, रूस्तम दिनशां बाटलीवाला, शशिकांत दूबे, मोहित सरदाना, आनंद रमन पी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था।
अभिभावकों ने सेंटर पर हंगामा और प्रदर्शन किया था। यहां सेंटर में दो हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ते थे। प्रबंधन ने 21 जनवरी तक क्लासेस लीं और तय समय से एक घंटा पहले छुट्टी कर दी थी।
पुलिस अधिकारी का बयान
एसीपी अवनीश दीक्षित का कहना है कि अभिभावक मनोज सिंह ने फिटजी के एमडी डीके गोयल, सीएफओ राजीव बब्बर, सीईओ मनीष आनंद व ग्रेटर नोएडा ब्रांच के हेड रमेश बटलेश व अन्य पर जालसाजी, धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था।
शिकायत पर चार नामजद और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। विवेचक को हर पहलू पर जांच के निर्देश दिए हैं। अभिभावकों को जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
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