दिल्ली हाई कोर्ट ने इंजीनियर रशीद की याचिका पर कहा- संसद के हर सत्र के लिए नहीं हो सकता नया आवेदन
दिल्ली हाई कोर्ट ने इंजीनियर रशीद की सशर्त कस्टडी पैरोल याचिका पर सुनवाई 31 जुलाई तक स्थगित कर दी है। अदालत ने संकेत दिया कि मामले को दूसरी पीठ को सौंपा जा सकता है। रशीद ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है जिसमें संसद में उपस्थित रहने के लिए रोज 1.44 लाख रुपये का यात्रा खर्च वहन करने का निर्देश मिला था।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सशर्त कस्टडी पैरोल के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली जम्मू-कश्मीर से सांसद इंजीनियर रशीद की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई 31 जुलाई तक के लिए टल गई।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने संकेत दिया कि ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली रशीद की याचिका को एक अन्य पीठ के समक्ष भेजने के लिए इच्छुक है।
सुनवाई के दौरान पीठ ने रशीद के वकील से कहा कि संसद के हर सत्र के लिए कोई नया आवेदन नहीं हो सकता। आपने पहले भी एक संशोधन आवेदन दिया था। पीठ ने कहा कि संशोधन आवेदन पिछली पीठ के समक्ष रखना चाहिए और यह आगे के सभी सत्रों के लिए लागू होगा।
पीठ ने कहा कि एक बार जब एक अन्य पीठ ने अपना निर्णय ले लिया, तो यह अदालत उसी आदेश का पालन करेगी। पीठ ने कहा कि जब एक समन्वय पीठ पहले ही इसी तरह के मुद्दे पर फैसला ले चुकी है, तो इस मामले की सुनवाई करना हमारी ओर से गलत होगा।
24 जुलाई से चार अगस्त तक संसद में उपस्थित रहने के लिए ट्रायल कोर्ट ने रशीद को प्रतिदिन 1.44 लाख रुपये का यात्रा खर्च वहन करने का निर्देश दिया था। उक्त आदेश को रशीद ने चुनाैती दी है।
2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआइए द्वारा 2019 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह तिहाड़ जेल में हैं।
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