Bulldozer Action: दिल्ली की 400 किलोमीटर सड़कों पर अतिक्रमण, हर इलाके में चलेगा बुलडोजर; एलजी के सख्त निर्देश
दिल्ली में पीडब्ल्यूडी की 400 किलोमीटर सड़कों पर अतिक्रमण है जिससे शहर की रफ़्तार धीमी हो रही है और दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। ड्रोन सर्वे में 50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र अतिक्रमणग्रस्त पाया गया। उपराज्यपाल ने अतिक्रमण हटाने के सख्त निर्देश दिए हैं। सेंट्रल और नई दिल्ली की 25-30% सड़कें अतिक्रमण से प्रभावित हैं। दिल्ली में ऐसा कोई इलाका नहीं है जहां यह समस्या न हो।

अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की 1400 किलोमीटर लंबी सड़कों में से करीब 400 किलोमीटर सड़कें किसी न किसी तरह के अतिक्रमण की चपेट में हैं। खासकर घनी आबादी वाले और व्यावसायिक इलाकों में सड़कों पर अतिक्रमण की समस्या दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही है।
दिल्ली के हर इलाके में अतिक्रमण की समस्या
दिल्ली में ऐसा कोई इलाका नहीं है जहां यह समस्या न हो। ज्यादातर जगहें अतिक्रमण से प्रभावित हैं जैसे रेहड़ी-पटरी, अवैध अस्थायी दुकानें और स्थायी अवैध निर्माण, धार्मिक संरचनाएं आदि। इन्हें हटाने के लिए कार्रवाई भी की गई है लेकिन इसका कोई खास असर नहीं दिखता।
2024 में सड़कों पर अतिक्रमण की वास्तविक स्थिति जानने के लिए डीडीए, एमसीडी और सर्वे ऑफ इंडिया ने संयुक्त रूप से ड्रोन सर्वे शुरू किया। सर्वे में पता चला कि दिल्ली शहरी क्षेत्र में 50 वर्ग किलोमीटर का इलाका अतिक्रमण की गिरफ्त में है।
इन्हें होती है दिक्कत
सड़कों पर यह अतिक्रमण न केवल शहर की गति को धीमा कर रहा है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को भी आमंत्रित कर रहा है। सबसे ज्यादा खतरा दोपहिया वाहन, साइकिल और पैदल चलने वालों को होता है। व्यस्त घंटों के दौरान, एम्बुलेंस और अन्य आपातकालीन वाहनों का गुजरना मुश्किल हो जाता है।
एलजी सक्सेना का सख्त निर्देश
यह समस्या किस हद तक गंभीर हो चुकी है, इसका अंदाजा इस बात से आसानी से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने हाल ही में सभी जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) और जिला टास्क फोर्स (डीटीएफ) के माध्यम से मध्य और नई दिल्ली में अतिक्रमण हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई करें।
सेंट्रल दिल्ली और नई दिल्ली में रिंग रोड (आईएसबीटी से एम्स), आउटर रिंग रोड (मोदी मिल से आईआईटी), भैरों मार्ग, मथुरा रोड, आईटीओ क्षेत्र, प्रगति मैदान और दिल्ली सचिवालय से जुड़ी सड़कों का रखरखाव पीडब्ल्यूडी करता है।
इन सड़कों की कुल लंबाई करीब 300 किलोमीटर मानी जाती है। जो दिल्ली में पीडब्ल्यूडी की कुल 1400 किलोमीटर सड़कों का एक बड़ा हिस्सा है। इन पर भी अतिक्रमण एक गंभीर समस्या है। इनमें से 25 से 30 फीसदी सड़कें अतिक्रमण की गिरफ्त में हैं।
दक्षिणी दिल्ली की मुख्य सड़कों में से एक मां आनंदमयी मार्ग, गुरु रविदास मार्ग, ओखला एस्टेट मार्ग की आधी से ज्यादा सड़कों पर दुकानदारों, रेहड़ी-पटरी वालों और सब्जी मंडी वालों ने कब्जा कर रखा है।
सड़क किनारे अवैध रूप से आठ से दस फीट तक दुकानें बना ली गई हैं, जिससे पैदल चलने वालों से लेकर वाहन चालकों तक को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है।
- अस्थायी अतिक्रमण: सड़क किनारे दुकानदार, फेरीवाले, छोटे दुकानदार, अनाधिकृत पार्किंग और पंडाल। साथ ही, कूड़ा-कचरा, निर्माण मलबा और बिजली के खंभे।
- स्थायी अतिक्रमण: सड़क किनारे बने धार्मिक ढांचे, अन्य धार्मिक ढांचे, दुकानों-मकानों, बालकनियों और सीढ़ियों का अवैध विस्तार, अनाधिकृत होर्डिंग।
अतिक्रमण वाले प्रमुख इलाके
आइटीओ, प्रगति मैदान, भैरों मार्ग, मथुरा रोड, मथुरा रोड, महरौली, और आउटर रिंग रोड
पांच वर्षों में अतिक्रमण पर कार्रवाई
- 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टास्क फोर्स द्वारा सेंट्रल दिल्ली को साउथ दिल्ली और फरीदाबाद से जोड़ने वाले मथुरा रोड को अतिक्रमण से मुक्त करने की कार्रवाई
- जनवरी 2020: नई दिल्ली और सेंट्रल दिल्ली, आईटीओ और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन क्षेत्र
- 2022: दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर चित्तरंजन पार्क में अतिक्रमण हटाया गया
- प्रगति मैदान-सराय काले खां रिंग रोड, भैरों मार्ग से सुंदियाल रोड तक चार किलोमीटर सड़क से अवैध निर्माण हटाया गया
- जुलाई 2023: आईटीओ, लुटियंस जोन में धार्मिक ढांचे हटाए गए, अन्य 19 सड़कों पर भी यही कार्रवाई
- अक्टूबर-नवंबर 2024: 80 प्रमुख सड़क खंडों पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई
- अप्रैल 2025: सेंट्रल और नई दिल्ली रोड डिवीजन में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई
- आउटर रिंग रोड, आईआईटी फ्लाईओवर से मोदी मिल फ्लाईओवर तक 7.2 किलोमीटर खंड पर अतिक्रमण हटाने का काम
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